Deoria News : देवरिया के दर्जनों गांव में वाटर सप्लाई पहुंचाने की कवायद फिर से तेज हुई है। जल जीवन मिशन के प्रावधानों में हुए बदलाव की वजह से टंकी बनने और पाइप लाइन बिछाने के बावजूद इन गांवों में सालों से अब तक पानी आपूर्ति नहीं हो पाई है। इसको लेकर ग्रामीणों ने बार-बार आवाज उठाई। लेकिन अब जल्दी ही ग्रामीणों को शुद्ध जल की आपूर्ति शुरू होगी।
अधिशासी अभियंता उप्र जल निगम ग्रामीण देवरिया अखिल आनंद ने बताया कि हेतिमपुर पेयजल योजना का निर्माण कार्य 15 वर्ष पूर्व कराया गया था। इस योजना में 4 केजीएफ/ सीएम2 की प्रेशर का पीवीसी (PVC) पाइप प्रस्तावित था। हर घर नल का प्रावधान न होने के चलते पहले मात्र सार्वजनिक स्टैंड पोस्ट का प्रावधान था। इस योजना के मेंटेनेंस या रखरखाव का कोई प्रावधान नहीं था। लेकिन, वर्तमान में जल जीवन मिशन की गाइडलाइंस के आधार पर 6 केजीएफ/सीएम2 प्रेशर एचडीपीई (HDPE) पाइप लगाते हुए सभी घर को नल से जोड़ने का कार्य कराया जाना है।
योजना में मेंटेनेंस और रखरखाव का कार्य भी एजेंसी को 10 साल तक करना है। 41 परियोजनाओं के रि-ऑर्गेनाइजेशन के प्राक्कलन को शासन स्तर से स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। कवर एग्रीमेंट की कार्रवाई शासन स्तर से होते ही एक माह के भीतर योजना पर काम शुरू कर हर घर को नल से जोड़ दिया जायेगा। दरअसल देसही देवरिया क्षेत्र में स्वच्छ पेयजल के लिए करोड़ों रुपये की लागत से गांवों में बनी पानी की टंकियां शोपीस बनी हुईं हैं। वर्षों बाद भी कहीं सप्लाई शुरू नहीं हुई। कहीं हुई भी तो पाइप जर्जर हो गए। कहीं हैंडओवर ही नहीं हुई।
लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए शासन से 2011 में एक करोड़ रुपये से अधिक की लागत से हेतिमपुर में ओवरहैड टैंक का निर्माण कराया गया। यहां 11 टोलों की सप्लाई होनी थी। ट्रायल होते ही जगह-जगह पाइप फट गए। उसके बाद उसे उसी हाल में छोड़ दिया गया। टैंक का खंभा भी अब टूटकर गिर रहा है। पकड़ी वीरभद्र, पिपरा दौला कदम, भरथा पट्टी, सहोदरपट्टी आदि गांवों में बनी पानी की टंकियां शोपीस बनी हुईं हैं। बरवां मीरछापर में बनने के करीब 18 साल बाद और पिपरा मदन गोपाल में दो साल बाद भी अब तक टंकी हैंडओवर नहीं हुई है।
जबकि हर पानी की टंकी पर वर्षों से ऑपरेटर तैनात हैं। उनको वेतन भी दिया जा रहा है। बिजली निगम की सप्लाई भी हो रही है, लेकिन कोई लाभ नहीं है। क्षेत्र के लोगों का आरोप है कि जल निगम की लापरवाही के चलते उन्हें स्वच्छ जल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। मगर अब उम्मीद बढ़ी है और माना जा रहा है कि जल्द ही गांवों में शुद्ध जल की सप्लाई शुरू हो जाएगी।