Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन में निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी बजाज हिंदुस्थान (Bajaj Hindusthan Sugar) की हालत खस्ताहाल है। चीनी उत्पादन क्षेत्र की सिरमौर यह कंपनी अब दिवालिया होने की कगार पर आ चुकी है। कंपनी के पास पैसे की इतनी कमी है कि समय से लोन का ब्याज और ईएमआई तक नहीं चुका पा रही है। ऊपर से गन्ना किसानों का बकाया अलग है।
किस्त जमा नहीं कर पा रही
जानकारी के मुताबिक बजाज हिंदुस्थान अपने लोन की किस्त जमा करने में असफल रही है। भारतीय रिजर्व बैंक की गाइडलाइन के मुताबिक जब किसी लोन की किस्त लगातार तीन महीने तक जमा न हो तो वह खाता एनपीए खाता बन जाता है। हिंदुस्थान कंपनी के सभी बैंक खाते एनपीए हो गए हैं।
14 चीनी मिलें हैं
उत्तर प्रदेश में बजाज हिंदुस्थान की सबसे ज्यादा 14 चीनी मिलें हैं। देवरिया में प्रतापपुर चीनी मिल इसी प्राइवेट कंपनी की यूनिट है। तंगहाली से गुजर रही इस कंपनी पर बैंकों के साथ-साथ गन्ना किसानों का भी भारी रकम बकाया है। देखना है, कंपनी इन मुश्किल हालातों से कैसे पार पाती है।
एशिया की सबसे बड़ी कंपनी है
बताते चलें कि बजाज हिंदुस्थान शुगर कंपनी चीनी उत्पादन के क्षेत्र में एशिया की सबसे बड़ी कंपनी है। इस विशाल नेटवर्क की शुरुआत जमुनालाल बजाज ने साल 1931 में की थी। उसके बाद बीच के कुछ दशकों में यह कंपनी खूब फली फूली और अपना नेटवर्क बढ़ाया। लेकिन अब कंपनी कर्ज चुकाने में भी नाकाम है।