Deoria News : जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह (Jitendra Pratap Singh DM Deoria) ग्राम चौपाल के तहत जनसमस्याओं की सुनवाई करने आज ग्राम पंचायत बरवा पहुंचे। वहां उन्होंने प्रथम दृष्टया पंचायत भवन के निर्माण की घटिया गुणवत्ता मिलने पर गहरी नाराजगी जतायी तथा जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई की।
डीएम ने उत्तरदायित्व तय करते हुए पंचायत सचिव सत्येंद्र यादव को निलंबित करने का आदेश दिया। जिलाधिकारी ने घटिया वर्कमैनशिप एवं फिनिशिंग की जांच के लिए तकनीकी समिति का गठन करने का भी आदेश दिया।
जिलाधिकारी ने वर्ष 2020 में 10.71 लाख रुपये की लागत से बने नवीन पंचायत भवन की खराब गुणवत्ता पर एडीओ पंचायत तथा पंचायत सेक्रेटरी को कड़ी फटकार लगाई। डीएम जेपी सिंह ने हाल में लगे नए दरवाजे के मानकविहीन हैंडल तथा खराब गुणवत्ता के प्लाय के प्रयोग पर गहरा असन्तोष व्यक्त किया।
डीएम के हाथ लगाते ही पंचायत भवन की खिड़की उखड़ गए। निरीक्षण के समय शौचालय में पानी नहीं आ रहा था। जिलाधिकारी ने पूरे पंचायत भवन परिसर को चारदीवारी बनाकर सुरक्षित करने का आदेश दिया।
उन्होंने कहा कि ग्राम स्तर की समस्याओं का समाधान ग्राम स्तर पर ही करना ग्राम चौपाल का मुख्य उद्देश्य है। जिलाधिकारी जेपी सिंह ने बताया कि प्रत्येक शुक्रवार को हर ब्लॉक के दो-दो ग्राम पंचायतों में ग्राम चौपाल का आयोजन किया जाएगा, जिसमें समस्त विभागों के अधिकारी उपस्थित रहेंगे और जन समस्याओं का समाधान करेंगे।
ग्राम चौपाल के दौरान विभिन्न योजनाओं की भी जानकारी दी गई। स्वयं सहायता समूह की लीलावती देवी ने उपस्थित लोगों को अपने समूह की गतिविधियों के संबन्ध में अवगत कराया। उन्होंने सीसीएल होने के बावजूद 2 साल से समूह के खाते में पैसा न आने की शिकायत की। इस पर जिलाधिकारी ने जिला विकास अधिकारी रवि शंकर राय को आवश्यक कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया।
जिलाधिकारी ने ग्राम पंचायत में जल जीवन मिशन के तहत कनेक्शन होने के संबन्ध में पूछा, तो ग्रामीणों ने बताया कि पाइप लाइन बिछ गई है, लेकिन अभी सभी घरों में पानी की सप्लाई नहीं शुरू हुई है। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से पंचायत भवन तक आने वाली मार्ग को पिच मार्ग के रूप में विकसित करने की मांग की। इस पर उन्होंने प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया।