Deoria News : आपदा प्रबंधन प्राधिकरण देवरिया तथा यूनिसेफ और इंडियन पब्लिक हेल्थ इंस्टिट्यूट गुजरात गांधीनगर के संयुक्त तत्वाधान में बबुआ जी पीजी कॉलेज पिंडी में आपदा प्रबंधन विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रशिक्षक अजीत तिवारी ने कहा कि आपदा पूर्व तैयारी ही आपदा से बचाव का बेहतर विकल्प हो सकता है। उन्होंने भूकंप से बचाव के तरीकों पर चर्चा करने के साथ-साथ आकाशीय बिजली के दौरान किए जाने वाले उपायों पर विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि आकाशीय बिजली गिरने के दौरान किसी भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के उपयोग से बचना चाहिए, तथा पक्के मकानों में शरण लेना चाहिए। साथ ही साथ यदि हम खुले मैदान में घिर जाएं, तो उकडू विधि का भी प्रयोग हमारी जीवन की रक्षा के लिए उपयोगी साबित हो सकता है।
प्रशिक्षक डॉ एसके सिंह ने सर्पदंश के बचाव के उपाय पर चर्चा करते हुए कहा कि सर्पदंश के दौरान झाड़-फूंक के चक्कर में पड़े बिना पीड़ित व्यक्ति को अति शीघ्र अस्पताल पहुंचाना चाहिए। कटे हुए स्थान पर चीरा नहीं लगाना चाहिए। उस अंग को हिलाना डुलाना नहीं चाहिए। उन्होंने जहरीले सांपों के काटने के लक्षण पर चर्चा करते हुए कहा कि काटे हुए स्थान पर सूजन, जलन, पेट में दर्द, पलकें झपकना, उल्टी, मिचली जैसी स्थिति इसके सामान्य लक्षण हो सकते हैं।
प्रशिक्षिका पुष्पा यादव ने आग से बचाव के तरीकों पर चर्चा करते हुए कहा कि हम सभी के घरों में अग्निशमन यंत्र का होना नितांत आवश्यक है, जो किसी भी तरह से लगी आग जैसे गैस सिलेंडर से लगी आग तथा पेट्रोल से लगे आग को बुझाने में सक्षम होता है।
कॉलेज के प्राचार्य कन्हैया लाल ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों के आयोजन से लोगों में जागरूकता होगी और किसी भी आपदा के दौरान इन उपायों का प्रयोग करके जीवन की रक्षा की जा सकती है। इस अवसर पर धर्मेंद्र कुमार सिंह, नितिन कुमार मिश्र, विपिन कुमार गुप्ता, धीरज तिवारी, विश्वास पांडे, अजय रंजन पांडे, स्वीटी सिंह,राजेश तिवारी आदि लोग उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के दौरान अध्ययनरत छात्र मुक्त विश्वविद्यालय धर्मेन्द्र सिंह, दुर्गेश कुमार द्विवेदी को लैपटॉप वितर ण किया गया।