देवरिया में संचारी रोग नियंत्रण महाअभियान का आगाज : 12 विभाग मिलकर करेंगे काम, 50 हाई रिस्क गांवों पर रहेगा विशेष जोर

Deoria News : जिले में एक माह तक चलने वाले विशेष संचारी रोग नियंत्रण माह का शनिवार से आगाज हो गया। जिला स्तर पर अभियान का शुभारंभ जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह (DM Deoria Jitendra Pratap Singh IAS) ने सीएमओ कार्यालय से किया। उन्होंने जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया।

सभी ब्लॉक क्षेत्रों में अभियान का शुभारंभ स्थानीय जनप्रतिनिधियों, ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में किया गया। अभियान के दौरान 12 विभाग आपस में मिल कर कार्य करेंगे। जिले के 50 हाई रिस्क गांवों में अभियान के दौरान विशेष जोर रहेगा। इस दौरान मच्छरों, चूहा और छछूंदर से फैलने वाली बीमारियों के बारे में जनजागरूकता लाई जाएगी।

इस पर रहेगा जोर
इस मौके पर जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि अभियान के दौरान ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में नालियों और झाड़ियों की साफ-सफाई, मच्छरों पर नियंत्रण, सुकरबाड़ों और पशुबाड़ों के स्वच्छता की जानकारी, बुखार के रोगियों को चिन्हित कर जांच व उपचार, स्वच्छ पेयजल के विषय में जनजागरूकता, क्लोरिन की गोलियों का वितरण, कुपोषित बच्चों की पहचान व संदर्भन, स्कूली बच्चों में संचारी रोगों के प्रति जनजागरूकता, चूहा और छछूंदर के प्रति जनजागरूकता, आबादी क्षेत्र से सुकरबाड़ों को दूर करने के लिए जनजागरूकता, हाई रिस्क गांवों को प्राथमिकता के आधार पर खुले में शौच से मुक्ति की गतिविधियां संचालित की जाएंगी।

जागरूक किया जाएगा
लोगों के बीच मुख्य संदेश दिया जाएगा कि वह व्यक्तिगत व सामुदायिक साफ-सफाई रखें। किसी भी प्रकार का बुखार हो तो सरकारी अस्पताल में निःशुल्क इलाज कराएं। अस्पताल जाने के लिए 108 नंबर की निःशुल्क एंबुलेंस सेवा का इस्तेमाल करें।

ये विभाग मिल कर करेंगे काम
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश झा (CMO Deoria Dr Rajesh Jha) ने कहा कि अभियान में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, आईसीडीएस, ग्राम विकास एवं पंचायती राज विभाग, शिक्षा विभाग, नगर निगम अथवा शहरी विकास, कृषि विभाग, पशुपालन विभाग, दिव्यांग कल्याण, स्वच्छ भारत मिशन, सूचना विभाग, संस्कृति विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग सक्रिय हिस्सेदारी निभाएंगे।

दिमागी बुखार के मामले मिले हों
एसीएमओ वेक्टर बार्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि हाई रिस्क गांवों की गतिविधियों पर विशेष नजर रखी जाएगी। यह ऐसे गांव हैं, जहां कभी दिमागी बुखार (Encephalitis) से मृत्यु हुई है अथवा तीन साल के भीतर कोई केस सामने आया है। ऐसे गांवों में सभी विभाग प्राथमिकता के साथ अपनी भूमिका निभाते हैं। अभियान के दौरान सहयोगी संस्था विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ, सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) और पाथ की विशेष भूमिका रहेगी।

ये रहे मौजूद
कार्यक्रम में एसीएमओ डॉ. सुरेन्द्र सिंह, डॉ. बीपी सिंह, डॉ. सुरेन्द्र चौधरी, डॉ. संजय चंद, डीएमओ आरएस यादव, डीपीएम पूनम, डीसीपीएम राजेश गुप्ता सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

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