-डीएम ने किया एफएसटीपी प्लांट का निरीक्षण
-मानकविहीन निर्माण मिलने पर जतायी नाराजगी, तीन सदस्यीय जांच दल गठित
-स्वीकृत एस्टीमेट के अनुसार करें निर्माण, नहीं तो कार्रवाई के लिए रहें तैयार: डीएम
Deoria News : जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह (DM Jitendra Pratap Singh IAS) ने सोमवार को अमृत योजना के अंतर्गत ग्राम जटमलपुर में शहर के अपशिष्ट जल के शोधन के लिए 32 केएलडी क्षमता वाले निर्माणाधीन फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट (एफएसटीपी) का निरीक्षण किया। डीएम ने निर्धारित मानक के अनुसार कार्य न होने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि परियोजना का निर्माण स्वीकृत एस्टीमेट के अनुसार किया जाए, जिससे इसका लाभ जनपदवासियों को मिल सके। उन्होंने कार्यदायी संस्था को गुणवत्ता का पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
30 जून है डेडलाइन
जिलाधिकारी आज दोपहर जटमलपुर स्थित फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण का निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंने कई कार्य मानक विरुद्ध पाए। निर्माणाधीन परियोजना के भवन की फिनिशिंग अच्छी नहीं मिली। उन्होंने एयर पाइप, वॉल अलाइनमेंट, दीवार और प्रयुक्त टाइल्स पर गम्भीर आपत्ति जताई। 4 करोड़ 24 लाख रुपये की लागत वाली इस परियोजना का निर्माण जल निगम (नगरीय) की तरफ से मेसर्स श्रीराम कंस्ट्रक्शन को दिया गया है। परियोजना को 30 जून तक पूर्ण होना है।
तीन सदस्यीय समिति का गठन किया
डीएम ने निर्माण कार्य की गुणवत्ता जांचने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है। इस समिति में ईओ देवरिया नगर पालिका रोहित सिंह, अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी और अधिशासी अभियंता, जल निगम (ग्रामीण) शामिल होंगे। यह समिति समयबद्धता के साथ इस पूरी परियोजना की प्रगति पर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
बर्दाश्त नहीं की जाएगी
जिलाधिकारी ने बताया कि यह परियोजना जनपद के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके माध्यम से घरों से निकलने वाले सीवरेज का शोधन कर सॉलिड व लिक्विड अपशिष्ट को अलग किया जाएगा। सॉलिड वेस्ट का प्रयोग जैविक खाद के रूप में तथा शोधित जल का प्रयोग सिंचाई में किया जाएगा। इस महत्वपूर्ण परियोजना का निर्माण स्वीकृत एस्टीमेट के अनुसार ही किया जाए, अन्यथा उत्तरदायित्व तय करके कार्रवाई की जाएगी। शासकीय धन की बन्दरबांट किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।