Deoria news : देवरिया में भाजपा कार्यकर्ताओं ने औरा चौरी पार्टी कार्यालय पर द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज (Swami Swaroopanand Saraswati) के ब्रह्मलीन होने पर उनके चित्र पर पुष्पांजलि कर नमन किया और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना किया।
सनातन धर्म को अपूरणीय क्षति हुई है
इस दौरान जिला प्रभारी सुनील गुप्ता ने कहा कि द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज स्वतंत्रता सेनानी रहे थे। रामसेतु रक्षक के अलावा उन्होंने कई सत्याग्रह भी किए थे। उन्होंने राम जन्मभूमि के लिए संघर्ष किया था। वह गोरक्षा आंदोलन के प्रथम सत्याग्रही, रामराज्य परिषद् के प्रथम अध्यक्ष रहे। वह पाखंडवाद के प्रबल विरोधी थे। उनके ब्रह्मलीन होने पर सनातन धर्म को अपूरणीय क्षति हुई है।
आजादी की लड़ाई लड़े
भाजपा जिलाध्यक्ष अन्तर्यामी सिंह ने कहा कि स्वरूपानंद सरस्वती के व्यक्तित्व की यह खूबी रही कि वह जिसकी भी आलोचना या सराहना करते थे, उसके पीछे उनका अपना कोई राग-द्वेष नहीं था। उनकी अपनी राष्ट्रवादी दृष्टि थी। उन्हें जो ठीक लगता था, उसे बेधड़क होकर बोल देते थे। वह कोरे धर्मध्वजी और भगवाधारी संन्यासी भर नहीं थे। उन्होंने 18 साल की उम्र में जेल काटी। वह साल 1942 में स्वाधीनता आंदोलन के तहत सत्याग्रह करते हुए पकड़े गए। वर्ष 1950 में उन्होंने संन्यास ले लिया और 1981 में वे शंकराचार्य की उपाधि से विभूषित हुए।
ये रहे मौजूद
इस दौरान कृष्णानन्द गिरी, कृष्णानाथ राय, प्रमोद शाही, रामाज्ञा चौहान, निर्मला गौतम, अम्बिकेश पाण्डेय, तेजबहादुर पाल, राजेश मिश्र, अभिषेक जायसवाल, शैलेन्द्र सिंह आजाद, महेश मणि, राजन सोनकर आदि रहे।