Uttar Pradesh : बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) ने कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा था कि यूपी विधानसभा चुनाव-2022 (UP Vidhansabha Chunav-2022) के दौरान कांग्रेस ने बसपा से गठजोड़ के लिए प्रस्ताव दिया था। साथ ही बसपा प्रमुख मायावती (Mayawati) को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने की योजना थी।
राहुल गांधी के आरोपों का जवाब देते हुए आज बसपा प्रमुख मायावती ने प्रेस नोट जारी किया। इसमें उन्होंने कहा है कि राहुल गांधी ने बसपा और खासकर पार्टी की मुखिया को लेकर जो कुछ टीका टिप्पणी की है, उससे इस पार्टी की विशेषकर दलितों व अन्य उपेक्षित वर्गों के साथ-साथ बीएसपी के प्रति हीन जातिवादी मानसिकता तथा द्वेष की भावना दिखाई देती है।
राजीव गांधी ने भी प्रयास किया
पार्टी ने कहा है कि, कांग्रेस बसपा को खत्म और कमजोर करने के लिए शुरू से ही हर तरह के घिनौने हथकंडे इस्तेमाल करती रही। अब खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे की तरह ही इस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष बीएसपी पर जबरदस्ती उंगली उठा रहे हैं। लेकिन पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ता। इससे पहले इनके पिता राजीव गांधी ने भी बीएसपी को बदनाम और कमजोर करने के लिए कांशीराम जी को सीआईए का एजेंट बता दिया था।
काम बाधित करती थी
साथ ही बसपा प्रमुख ने केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि, साल 2007 में उत्तर प्रदेश में बीएसपी की पूर्ण बहुमत से सरकार बनी थी। उस समय केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी। जातिगत द्वेष की भावना से केंद्र सरकार ज्यादातर कार्य रोक देती थी।
फोर्स नहीं भेजी
उन्होंने आगे कहा, “उसी दौरान अयोध्या मामले में कोर्ट का फैसला आना था। सुरक्षा के लिहाज से जरूरी फोर्स भी केंद्र ने उपलब्ध नहीं कराई। ताकि प्रदेश के हालात बिगड़ जाएं और इसकी आड़ में यूपी में राष्ट्रपति शासन लगा कर कांग्रेस पार्टी अपनी हुकूमत चलाती रहे। मगर उनका ये मंसूबा भी कामयाब नहीं हुआ।”