महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के 93वें संस्थापक सप्ताह के उद्घाटन सत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2047 में विकसित भारत का निर्माण तभी संभव है जब हर नागरिक पंचप्रण के मार्गदर्शन में मिलकर कार्य करे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्ष 2047 में विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रत्येक भारतवासी को एकजुट होकर कार्य करना होगा। प्रधानमंत्री के विज़न के अनुरूप पंचप्रण ही इस लक्ष्य को साकार करने का मार्ग है। मुख्यमंत्री गुरुवार को महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के 93वें संस्थापक सप्ताह समारोह के उद्घाटन सत्र में कार्यक्रम अध्यक्ष के रूप में संबोधित कर रहे थे।
अपने 37 मिनट के भाषण में उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद अब अपने शताब्दी वर्ष की ओर अग्रसर है। छह वर्ष बाद यह बड़ा समारोह मनाया जाएगा, जो 100 वर्षों की यात्रा के आत्ममंथन और नए संकल्प निर्धारित करने का उपयुक्त अवसर होगा। उन्होंने कहा कि परिषद आज अपने संस्थापकों के सपनों को आगे बढ़ाते हुए स्वास्थ्य, तकनीकी शिक्षा, महिला शिक्षा सहित अनेक क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य कर रही है। शताब्दी वर्ष की तैयारी के लिए अभी से लक्ष्य तय कर कार्य में जुटना आवश्यक है।
सीएम योगी ने परिषद के पूर्व अध्यक्ष प्रो. यूपी सिंह को स्मरण करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि भी अर्पित की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग 2000 वर्ष पहले भारत विश्व की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्थाओं में से एक था, और उस समय वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत का हिस्सा 46 प्रतिशत था। 400 वर्ष पूर्व यह 26 प्रतिशत था, लेकिन आज़ादी के समय तक यह घटकर डेढ़ प्रतिशत रह गया, क्योंकि अंग्रेज़ और विदेशी आक्रांताओं ने लगभग 32–33 ट्रिलियन डॉलर की संपत्ति भारत से लूट ली थी।
उन्होंने कहा कि आज भारत 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन चुका है और विश्व की तीसरी सबसे बड़ी तथा सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है, जिसे पूरी दुनिया मान्यता दे रही है।