-कृषि मंत्री ने किसानों की मांग एवं आवश्यकता के मुताबिक उर्वरक की आपूर्ति कराने का किया अनुरोध
-प्रदेश में 11.44 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 2.89 लाख मीट्रिक टन डीएपी, 1.66 लाख मीट्रिक टन एनपीके उपलब्ध
-उर्वरक मंत्री ने 30 नवम्बर तक 6 लाख मीट्रिक टन फास्फेटिक उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित कराने का दिया आश्वासन
-उर्वरक गुण नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत कुल 9850 छापे मारे गये।
Uttar Pradesh : प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही (Surya Pratap Shahi) ने केंद्रीय उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) से आज दिल्ली में भेंट की। उन्होंने उत्तर प्रदेश के किसानों की मांग एवं आवश्यकता के मुताबिक 6 लाख मीट्रिक टन फॉस्फेटिक उर्वरक की आपूर्ति कराने का अनुरोध किया। कृषि मंत्री के अनुरोध पर केंद्रीय उर्वरक मंत्री ने प्रदेश के किसानों की मांग, आवश्यकता के अनुसार इसी महीने 15 नवम्बर तक 3.5 लाख मीट्रिक टन एवं 30 नवम्बर तक बाकी फॉस्फेटिक उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित कराने का आश्वासन दिया।
इतनी उपलब्धता है
कृषि मंत्री ने केंद्रीय उर्वरक मंत्री को बताया कि प्रदेश में 11.44 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 2.89 लाख मीट्रिक टन डीएपी, 1.66 लाख मीट्रिक टन एनपीके एवं 0.60 लाख मीट्रिक टन पोटाश की उपलब्धता है। इस प्रकार कुल 4.55 लाख मीट्रिक टन फॉस्फेटिक उर्वरक की उपलब्धता राज्य में है। राज्य कृषि मंत्री ने बताया कि प्रदेश में आपूर्तित 57 रैक में से 21 रैक हरदोई, जालौन, मथुरा, झांसी, प्रयागराज, ललितपुर, आगरा, वाराणसी, कानपुर, एटा, गोरखपुर, अलीगढ़ एवं मैनपुरी जनपदों को उपलब्ध करा दी गयी हैं। बाकी के 36 रैक का शिपमेंट किया जा चुका है। ये आगामी 12 नवम्बर तक जनपदों को प्राप्त करा दी जायेंगी। प्रदेश में उर्वरक की कोई कमी नहीं है।
समय से पहले पहुंचाना जरूरी है
कृषि मंत्री ने केंद्रीय मंत्री को अवगत कराया कि प्रदेश के कृषकों को उनकी आवश्यकतानुसार सुचारू रूप से उर्वरक उपलब्ध कराये जाने के लिए उर्वरक बिक्री केन्द्रों पर समय से पूर्व खाद की उपलब्धता सुनिश्चित कराया जाना अति आवश्यक है। समय से उर्वरक आपूर्ति सुनिश्चित किये जाने के लिए खाद विनिर्माता एवं प्रदायकर्ता कम्पनियों के साथ निरन्तर समीक्षा बैठकें की जा रही हैं। प्रदेश के किसानों को किसी प्रकार की कठिनाई नहीं होने दी जायेगी।
बजट बढ़ाने की मांग की
इसके उपरांत कृषि मंत्री ने केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर एवं कृषि सचिव, भारत सरकार संजय अग्रवाल से भेंट कर राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत बजट बढ़ाये जाने का अनुरोध किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के बचे किसानों का डाटा अनुमोदित किये जाने का भी अनुरोध किया।