Uttar Pradesh : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) आज, 23 अक्टूबर 2022 को जनपद अयोध्या में दीपोत्सव का शुभारम्भ करेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) इस आयोजन में सम्मिलित होंगे। इस वर्ष दीपोत्सव का छठां संस्करण आयोजित किया जा रहा है।
पीएम नरेंद्र मोदी सर्वप्रथम भगवान श्रीरामलला विराजमान का दर्शन-पूजन करेंगे और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र स्थल का निरीक्षण करेंगे। इसके उपरान्त प्रधानमंत्री श्रीराम कथा पार्क में भगवान श्रीराम का प्रतीकात्मक राज्याभिषेक करेंगे। उसके बाद वह नया घाट पर सरयू जी की आरती करेंगे। प्रधानमंत्री राम जी पैड़ी पर आयोजित भव्य दीपोत्सव समारोह का शुभारम्भ करेंगे। तदोपरान्त वह नया घाट पर आयोजित ग्रीन एण्ड डिजिटल फायरवर्क्स का अवलोकन करेंगे।
प्रधानमंत्री के आगमन से पूर्व मुख्यमंत्री राम कथा पार्क में शोभा यात्रा का अवलोकन करेंगे। मुख्यमंत्री योगी प्रभु श्रीराम, माता सीता व लक्ष्मण जी के स्वरूपों के अवतरण एवं भरत मिलाप कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे। वह श्रीराम दरबार के साथ श्री राम कथा पार्क आएंगे और श्रीराम व माता जानकी का पूजन-वन्दन करेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने शुक्रवार की रात अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में अयोध्या में आयोजित होने वाले दीपोत्सव-2022 के भव्य आयोजन की तैयारियों की समीक्षा की। इस बैठक में शासन के अधिकारी उपस्थित थे। अयोध्या जिला प्रशासन के अधिकारी वर्चुअल माध्यम से बैठक में सम्मिलित हुए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी के लिए यह गौरवपूर्ण है। इस वर्ष अयोध्या दीपोत्सव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) की गरिमामयी उपस्थिति हो रही है। इस वर्ष का दीपोत्सव ऐतिहासिक होगा। विगत पांच वर्ष से अयोध्या में प्रत्येक वर्ष भव्य और दिव्य दीपोत्सव का आयोजन हो रहा है। हर वर्ष रिकॉर्ड संख्या में दीपों का प्रज्ज्वलन कर यह आयोजन वैश्विक मंच पर नित नई ऊंचाइयों को स्पर्श कर रहा है। इस वर्ष दीपोत्सव में दीप प्रज्ज्वलन का नया कीर्तिमान स्थापित किया जाएगा।
सीएम ने कहा कि दीपोत्सव उल्लास और उत्साह का अवसर है। बड़ी संख्या में स्थानीय जनता और देश-विदेश से पर्यटक इसमें सहभागिता के उत्सुक होंगे। ऐसे में जनता की भावनाओं का पूरा सम्मान किया जाए। आमजन के आवागमन, बैठने की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। भीड़ नियंत्रण में लगे पुलिस बल का व्यवहार सरल और सहयोगी हो। किसी भी श्रद्धालु अथवा पर्यटक को परेशानी न होने पाए।