चिंताजनक : देश की जिला और अधीनस्थ अदालतों में लंबित हैं 4 करोड़ 20 लाख मामले, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में भी लगा अंबार

New Delhi : भारत सरकार ने संसद में जानकारी देते हुए बताया कि उच्चतम न्यायालय (Supreme Court of India) में 72,062 और विभिन्न उच्च न्यायालयों (High Court) में 59,45,709 मामले लंबित हैं।

विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रीजीजू ने गुरुवार को एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट और राष्ट्रीय न्यायिक डाटा ग्रिड (एनजेडीजी) के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि एक जुलाई 2022 की स्थिति के अनुसार उच्चतम न्यायालय में 72,062 मामले लंबित हैं।

इतने मामले लंबित हैं

रीजीजू ने बताया कि 15 जुलाई 2022 की स्थिति के अनुसार विभिन्न उच्च न्यायालयों में 59,45,709 मामले लंबित हैं। उन्होंने कहा कि देश की विभिन्न जिला एवं अधीनस्थ अदालतों में 15 जुलाई 2022 तक के आंकड़ों के अनुसार 4,19,79,353 मामले लंबित हैं।

समय सीमा निर्धारित नहीं है

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि न्यायालयों में लंबित मामलों का निपटान न्यायपालिका के अधिकार क्षेत्र में आता है और संबंधित न्यायालयों द्वारा विभिन्न प्रकार के मामलों के निपटान के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है।

कई फैक्टर पर निर्भर है

मंत्री ने कहा कि अदालतों में मामलों के निपटारे में सरकार की कोई भूमिका नहीं होती है और मामलों का समय पर निस्तारण कई कारकों पर निर्भर करता है।

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