लापरवाही : इमरजेंसी फ्रीक्वेंसी पर आपत्तिजनक बातें कर रहे थे इंडिगो एयरलाइंस के 7 पायलट, जानें फिर क्या हुआ

Indigo Airlines

New Delhi : एक नाटकीय घटनाक्रम में एअरलाइन कंपनी इंडिगो (Indigo Airline) के कम से कम 7 पायलट आपात संचार के लिए उपयोग की जाने वाली ‘फ्रीक्वेंसी’ पर वेतन से जुड़े मुद्दों पर कथित रूप से आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करते हुए पाए गए हैं। सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।


जानकारी के मुताबिक इन सभी पायलट को कम वेतन के मुद्दे पर ‘‘121.5 मेगाहर्ट्ज फ्रीक्वेंसी’’ पर आपत्तिजनक भाषा में अपना गुस्सा जाहिर करते हुए पाया गया। बताते चलें कि इस ‘फ्रीक्वेंसी’ का उपयोग विमान के मुसीबत में होने पर इमरजेंसी कम्यूनिकेशन के लिए किया जाता है।

बयान नहीं आया है
नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने मामले की जांच शुरू की है। हालांकि, इंडिगो का अभी तक इस विषय पर कोई बयान नहीं आया है। आपात संचार के लिए उपयोग की जाने वाली 21.5 मेगाहर्ट्ज फ्रीक्वेंसी की वायु यातायात नियंत्रक अनिवार्य रूप से निगरानी करते हैं।

निलंबित कर दिया था
हालांकि, विभिन्न विमानों के पायलट के बीच हवाई क्षेत्र में संचार के लिए ‘‘123.45 मेगाहर्ट्ज फ्रीक्वेंसी’’ का इस्तेमाल किया जाता है, जिसकी निगरानी हवाई यातायात नियंत्रक नहीं करते हैं। इस घटना से कुछ दिनों पहले इंडिगो ने कोविड-19 महामारी के दौरान वेतन में कटौती के खिलाफ 5 अप्रैल से हड़ताल पर जाने की योजना बना रहे अपने कुछ पायलट को निलंबित कर दिया था।

वेतन बढ़ेगा
महामारी के चरम पर पहुंचने के दौरान एअरलाइन ने अपने पायलटों के वेतन में 30 प्रतिशत तक की कटौती की थी। इंडिगो ने 1 अप्रैल को पायलटों का वेतन 8 प्रतिशत तक बढ़ाने के अपने फैसले की घोषणा करते हुए कहा था कि अगर कोई बाधा नहीं आती है, तो नवंबर में वेतन में 6.5 प्रतिशत की और वृद्धि की जाएगी।

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