New Delhi : स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय ने बुधवार, 25 मई को राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (National Achievement Survey – एनएएस), 2021 जारी किया। यह हर 3 साल में तीसरी, पांचवी, आठवीं और दसवीं के छात्रों की सीखने की क्षमता का समग्र विश्लेषण कर देश में स्कूली शिक्षा तंत्र के स्वास्थ्य को जांचता है। यह स्कूली शिक्षा तंत्र के समग्र विश्लेषण को प्रदर्शित करता है। पिछला सर्वेक्षण 2017 में हुआ था।
एनएएस 2021, 12 नवंबर, 2021 को अखिल भारतीय स्तर पर किया गया था। इसमें शामिल हुए थे –
(अ) सरकारी स्कूल (केंद्र सरकार और राज्य सरकार के स्कूल)
(ब) सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल
(स) निजी स्कूल, जिन्हें सरकारी सहायता उपलब्ध नहीं कराई जाती।
-कक्षा तीसरी और पांचवी के लिए भाषा, गणित और पर्यावरण विषयों
-कक्षा आठवीं के लिए भाषा, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान
-कक्षा दसवीं के लिए भाषा, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और अंग्रेजी विषयों को इस सर्वेक्षण में शामिल किया गया था।
कोशिशों को बल मिलेगा
एनएएस 2021 में शहरी और ग्रामीण इलाकों में स्थित 720 जिलों के 1.18 लाख स्कूलों के 34 लाख छात्रों ने हिस्सा लिया था। राष्ट्रीय रिपोर्ट कार्ड को जारी कर, इसे nas.gov.in पर सार्वजनिक भी कर दिया गया है। इससे परिणाम के विश्लेषण और संबंधित स्तर पर उपचारात्मक कोशिशों को बल मिलेगा।
विकास में मदद मिलेगी
एनएएस 2021 का लक्ष्य शिक्षा तंत्र की कार्यकुशलता के सूचकांक के तौर पर, बच्चों की प्रगति और उनकी सीखने की क्षमता को परखना है, ताकि अलग-अलग स्तरों पर उपचारात्मक कार्रवाई के लिए जरूरी कदम उठाए जा सकें। इससे पढ़ाई में अंतर को खत्म करने और राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को सीखने के स्तर में विकास के लिेए लघु, मध्य व दीर्घकालीन कदमों के विकास में मदद मिलेगी। साथ ही एनएएस 2021 के आंकड़ों पर आधारित योजना को बनाने में भी सहायता होगी।
प्लेटफॉर्म से प्रबंधित किया गया
एनसीईआरटी द्वारा उपलब्धि परीक्षा को प्रश्नावली; जिसमें छात्र प्रश्नावली, शिक्षक प्रश्नावली और स्कूल प्रश्नावली शामिल थी, के साथ विकसित किया गया और 22 भाषाओं में अनुवादित किया गया। यह राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण सीबीएसई ने एक ही समय में पूरे देश में करवाया था। सर्वे को नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) के बनाए गए तकनीकी प्लेटफॉर्म से प्रबंधित किया गया।
विश्लेषण किया गया
कक्षाओं के खत्म होने के समय छात्रों की सीखने की क्षमता को जानने के लिए उनसे ओएमआर आधारित एक उपलब्धि परीक्षा ली गई, जिसमें बहुविकल्पीय सवाल पूछे गए थे। इससे स्कूली शिक्षा के अलग-अलग स्तर पर गहन श्रम और परखे जा चुके विषयों के उपयोग से, छात्रों द्वारा हासिल की गई क्षमता व कुशलता का विश्लेषण किया गया।
प्रदर्शन पर आधारित है
यह रिपोर्ट सभी विषयों में किए गए प्रदर्शन पर आधारित है, जिसे लैंगिक (महिला-पुरुष), क्षेत्र (ग्रामीण और शहरी), स्कूलों के प्रबंधन (सरकारी, सरकार समर्थित और निजी स्कूल) व सामाजिक समूहों- एससी (अनुसूचित जाति), एसटी (अनुसूचित जनजाति), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और सामान्य वर्ग के आधार पर भेद के साथ प्रदर्शित किया गया है।