Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, निवेश तथा एनआरआई मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह (Sidharth Nath Singh) ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान किये गये प्रयासों के फलस्वरूप उत्तर प्रदेश मूल के 32 प्रवासी भारतीयों ने 1045 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया है। इसमें एग्रीकल्चर, डिफेंस एवं आईटी क्षेत्र प्रमुख रूप से शामिल हैं।
सिद्धार्थ नाथ सिंह खादी भवन में प्रवासी भारतीयों की सुविधा और निवेश को आकर्षित करने के लिए गठित प्रोजेक्ट मॉनीटरिंग यूनिट (पीएमयू) के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 116 भारतीय दूतावासों से सम्पर्क करके 3064 प्रवासी भारतीयों का डाटा तैयार किया गया। इन प्रवासी भारतीयों से लगातार सार्थक संवाद स्थापित कर निवेश प्रस्ताव में सफलता मिली है।
3.14 लाख लोग जाएंगे जापान
उन्होंने बताया कि अभी 16 भारतीय दूतावासों से एनआरआई का डाटाबेस प्राप्त हुआ है। शीघ्र ही पांच देशों से एनआरआई का डाटा उपलब्ध हो जायेगा। अन्य देशों से विदेश मंत्रालय के सहयोग से उत्तर प्रदेश के एनआरआई की जानकारी प्राप्त करने का प्रयास किया जा रहा है। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि जापान में स्पेसीफाईड स्किल्ड वर्कर्स प्रोग्राम के तहत 14 सेक्टर के लिए 3.14 लाख कुशल क्षमता के लोगों को लिया जायेगा। उत्तर प्रदेश से 35 हजार कुशल श्रमिकों को इसके लिए तैयार कराया जायेगा।
कौशल विकास होगा
इन लोगों को जैपनीज भाषा की ट्रेनिंग देने के साथ ही उनका कौशल विकास भी किया जायेगा। उन्होंने कहा कि विदेशों में कुशल मानव संसाधन उपलब्ध कराने के लिए ओवरसीज मैनपावर रिक्रूटमेंट एजेंसी को ई-डिस्ट्रिक्ट एवं सेवायोजन पोर्टल से जोड़ा गया है। उत्तर प्रदेश मूल के प्रवासी भारतीयों को मान्यता प्रदान करते हुए एनआरआई कार्ड देने की व्यवस्था है। इसके माध्यम से प्रवासी भारतीयों को विशेष सुविधाएं अनुमन्य होंगी। अभी तक आवेदन करने वाले 540 प्रवासी भारतीयों को एनआरआई कार्ड जारी भी किया जा चुका है।