Uttar Pradesh : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने गुरुवार को लोक भवन में आयोजित समारोह में वृहद ऋण मेले का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 9 हस्तशिल्पियों, कारीगरों एवं उद्यमियों को दिये गये ऋण का प्रतीकात्मक चेक सौंपा। सभी 75 जनपदों में आयोजित वृहद ऋण मेले के इस कार्यक्रम के अन्तर्गत ‘प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम’, ‘प्रधानमंत्री मुद्रा योजना’, ‘मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना’, ‘एक जनपद एक उत्पाद वित्त पोषण योजना’ आदि के 1 लाख 90 हजार लाभार्थी हस्तशिल्पियों, कारीगरों एवं उद्यमियों को 16 हजार करोड़ रुपये के ऋण का वितरण किया गया। सीएम ने इस अवसर पर वर्ष 2022-23 की 2.95 लाख करोड़ रुपये की वार्षिक ऋण योजना का विमोचन किया।
आय में वृद्धि होगी
सीएम ने कार्यक्रम के दौरान ‘एक जनपद एक उत्पाद योजना’ के अन्तर्गत 05 जनपदों आगरा, अम्बेडकरनगर, सीतापुर, आजमगढ़, सिद्धार्थनगर में स्थापित कॉमन फैसिलिटी सेण्टर का उद्घाटन किया। उन्होंने कॉमन फैसिलिटी सेण्टर पर उपस्थित लाभार्थियों से संवाद भी किया। लाभार्थियों ने कॉमन फैसिलिटी सेण्टर की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्हें बताया कि इस सेण्टर की स्थापना से ‘एक जनपद एक उत्पाद योजना’ के हस्तशिल्पियों, कारीगरों, उद्यमियों को आधुनिक तकनीकी से जुड़ने का अवसर मिलेगा। इससे उत्पादों की गुणवत्ता बेहतर होगी और आय में वृद्धि होगी।
पहचान मिली
उन्होंने कॉमन फैसिलिटी सेण्टर की स्थापना के लिए हस्तशिल्पियों, कारीगरों, उद्यमियों को बधाई देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार सभी जनपदों में कॉमन फैसिलिटी सेण्टर की स्थापना की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि ‘एक जनपद एक उत्पाद योजना’ में जनपद आजमगढ़ के विशिष्ट उत्पाद के रूप में ब्लैक पॉटरी चिन्हित है। आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जी-7 के राष्ट्राध्यक्षों को आजमगढ़ जनपद की ब्लैक पॉटरी उपहार स्वरूप प्रदान किया है। इससे इस जनपद की अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान में सकारात्मक बदलाव आया है। जनपद सिद्धार्थनगर के ‘एक जनपद एक उत्पाद’ काला नमक चावल के उत्पादकों को इसकी खेती को गो-आधारित प्राकृतिक खेती से जोड़ने पर विचार करना चाहिए। काला नमक चावल की एक किलोग्राम, दो किलोग्राम, पांच किलोग्राम जैसी छोटी पैकेजिंग इस उत्पाद की मांग को देश-विदेश में बढ़ाने में सहायक होगी।
केन्द्र स्थापित किये जाएंगे
मुख्यमंत्री के समक्ष कार्यक्रम के दौरान अपर मुख्य सचिव एमएसएमई नवनीत सहगल एवं अमेज़ॉन के वीपी पॉलिसी चेतन कृष्ण स्वामी के मध्य एक एमओयू का आदान-प्रदान किया गया। ज्ञातव्य है कि कानपुर में अमेज़ॉन के डिजिटल केन्द्र का शुभारम्भ किया गया है। इस केन्द्र के माध्यम से एमएसएमई हस्तशिल्पियों, कारीगरों, उद्यमियों को देश-विदेश में अपने उत्पादों की मार्केटिंग में सहूलियत होगी। यह भी उल्लेखनीय है कि प्रदेश के 35 जनपदों में सिडबी के सहयोग से स्वावलम्बन केन्द्रों का शुभारम्भ किया गया है। यह केन्द्र नये उद्यमियों की हैण्ड होल्डिंग का कार्य करेंगे। भविष्य में प्रदेश के सभी जनपदों में यह केन्द्र स्थापित किये जाएंगे।
100 दिन की कार्ययोजना का हिस्सा है
सीएम ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि वृहद ऋण मेले का कार्यक्रम एमएसएमई विभाग की 100 दिन की कार्ययोजना का हिस्सा है। यह प्रयास किया जाना चाहिए कि 06 माह की कार्ययोजना के तहत पुनः इसी तरह का कार्यक्रम आयोजित किया जाए। एमएसएमई उद्यमियों को ऋण की उपलब्धता से आर्थिक गतिविधियां तेजी से आगे बढ़ेंगी। इससे युवाओं को रोजगार मिलेगा। साथ ही, बैंकों का सीडी रेशियो भी बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी डिजिटल बैंकिंग को प्रोत्साहित करने के लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने आज के कार्यक्रम में ऋण प्राप्त करने वाले हस्तशिल्पियों, कारीगरों और उद्यमियों से डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने का आग्रह करते हुए कहा कि इससे देश व प्रदेश में डिजिटल बैंकिंग को बढ़ाने में सहायता मिलेगी।
एमएसएमई का क्षेत्र मृतप्राय था
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 से पहले प्रदेश में एमएसएमई का क्षेत्र मृतप्राय था। इस क्षेत्र के हस्तशिल्पियों, कारीगरों, उद्यमियों में हताशा थी। प्रदेश में बेरोजगारी दर लगभग 18 प्रतिशत थी। उत्तर प्रदेश देश का सर्वाधिक आबादी वाला राज्य होने के साथ ही सर्वाधिक युवा जनसंख्या वाला राज्य भी है। इसलिए युवाओं की अपनी आकांक्षाएं थीं, किन्तु प्रदेश में कृषि के अलावा रोजगार का कोई साधन नहीं था। केन्द्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के बावजूद तत्कालीन राज्य सरकार ने कोई रुचि नहीं ली। कमी पैसे या केन्द्र सरकार के सहयोग की नहीं, बल्कि राजनीतिक इच्छाशक्ति की थी।
53 प्रतिशत हो गया है
सीएम ने कहा कि वर्ष 2017 में सत्ता में आने के बाद हमारी सरकार ने कृषि के साथ-साथ परम्परागत उद्यम को बढ़ावा दिया। 24 जनवरी, 2018 को ‘एक जनपद एक उत्पाद योजना’ लागू की गयी। वर्तमान में यह योजना प्रदेश को एक्सपोर्ट का हब बनाकर नई पहचान दिला रही है। वर्ष 2016 में प्रदेश से लगभग 80 हजार करोड़ रुपये का निर्यात होता था, जो अब बढ़कर 1.56 लाख करोड़ रुपये का हो गया है। ‘एक जनपद एक उत्पाद योजना’ के उद्यमियों ने अभूतपूर्व कौशल दिखाया। बैंकों द्वारा इसमें सहयोग किया गया है। इससे वर्तमान में प्रदेश की बेरोजगारी दर 3 प्रतिशत से कम है। कोरोना काल खण्ड में भी प्रदेश में तकनीक का प्रयोग करते हुए लोन मेला आयोजित किया गया। उत्तर प्रदेश अब एक उदाहरण बनकर सामने आ रहा है। राज्य में सीडी रेशियो 46 प्रतिशत से बढ़कर 53 प्रतिशत हो गया है।
उद्यमियों के लिए सम्बल बन सके
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार व बैंकों के सहयोग के माध्यम से विभिन्न योजनाओं के आगे बढ़ाने से प्रदेश के युवाओं ने स्वरोजगार के माध्यम से दूसरों को भी रोजगार के अवसर सुलभ कराए हैं। प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरूप आज का प्रदेश का युवा नौकरी मांगने वाला नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला युवा बन गया है। बैंकों के प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश का हस्तशिल्पी, कारीगर, उद्यमी का कौशल और परिश्रम बैंकों की पूंजी की गारण्टी है। राज्य सरकार ऐसी योजना पर कार्य कर रही है, जो प्रदेश के हस्तशिल्पियों, कारीगरों, उद्यमियों के लिए सम्बल बन सके।
60 प्रतिशत तक ले जाना चाहिए
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार परिवार कार्ड जारी करने जा रही है। इसके अन्तर्गत शीघ्र ही ऐसे परिवारों की मैपिंग कराने जा रहे हैं, जिनके किसी सदस्य ने कभी सरकारी नौकरी नहीं प्राप्त की। प्रदेश सरकार का प्रयास होगा कि ऐसे परिवारों के एक सदस्य को नौकरी, स्वरोजगार से जोड़ा जाए। इसमें बैंकर्स की बड़ी भूमिका है। उन्होंने बैंक प्रतिनिधियों से सीडी रेशियो को बढ़ाकर 55 प्रतिशत करने का आग्रह करते हुए कहा कि आगामी 05 वर्षों में इसे बढ़ाकर 60 प्रतिशत तक ले जाना चाहिए। इससे बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के प्रति जन विश्वास बढ़ेगा।
तेजी से समृद्धि भी आएगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के युवा शासन की योजनाओं से अच्छी तरह से परिचित हों इसके लिए शिक्षण संस्थाओं को लोक कल्याण तथा स्वावलम्बन की योजनाओं से जुड़ना चाहिए। बैंक भी अपने नोडल अधिकारियों के माध्यम से शासन की योजनाओं को आगे बढ़ाएंगे, तो बैंकों का व्यवसाय बढ़ेगा। साथ ही, अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होगी। उन्होंने कहा कि बाजार में पैसा जितना तेजी से सर्कुलेट होगा, उतनी ही तेजी से समृद्धि भी आएगी।
1.56 लाख करोड़ रुपये का निर्यात करने वाला प्रदेश बन गया है
वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश बनने की ओर अग्रसर है। प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार से राज्य के प्रति पब्लिक पर्सेप्शन में बदलाव आया है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री जी के आत्मनिर्भरता के मंत्र के अनुरूप कई योजनाएं लागू की हैं। इनमें ‘एक जनपद एक उत्पाद योजना’ सर्वाधिक लोकप्रिय है। बीमारू राज्य माना जाने वाला उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में वर्तमान में प्रतिवर्ष 1.56 लाख करोड़ रुपये का निर्यात करने वाला प्रदेश बन गया है। आज उत्तर प्रदेश अन्य राज्यों के लिए उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया जाता है।
ऋण वितरित किया गया है
एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में एमएसएमई विभाग हस्तशिल्पियों, कारीगरों एवं उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित कर रहा है। मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश उद्यमियों और निवेशकों के लिए आकर्षक गंतव्य के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई विभाग की 100 दिन की कार्ययोजना के तहत ऋण मेले के आयोजन का लक्ष्य था। इसी क्रम में आज का यह ऋण मेला आयोजित किया गया है। इस कार्यक्रम के माध्यम से ‘प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम’, ‘प्रधानमंत्री मुद्रा योजना’, ‘मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना’ एवं ‘एक जनपद एक उत्पाद वित्त पोषण योजना’ आदि के तहत 1.90 लाख लाभार्थियों को 16 हजार करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया है।
83,061 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया है
एमएसएमई मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा वार्षिक ऋण योजना 2020-21 के तहत 02 लाख 12 हजार 934 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया। एमएसएमई क्षेत्र में 83,061 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया है, जो वार्षिक लक्ष्य के सापेक्ष 115 प्रतिशत है। वार्षिक ऋण योजना 2022-23 के अन्तर्गत 2.95 लाख करोड़ रुपये के ऋण वितरण का लक्ष्य रखा है। अपर मुख्य सचिव एमएसएमई नवनीत सहगल ने अपने सम्बोधन में कहा कि आज का यह ऋण वितरण कार्यक्रम एमएसएमई विभाग की 100 दिन की कार्ययोजना का हिस्सा है। प्रधानमंत्री जी के सूत्र ‘वोकल फॉर लोकल’ के अगले चरण के रूप में ‘एक जनपद एक उत्पाद योजना’ के तहत 05 जनपदों में कॉमन फैसिलिटी सेण्टर का लोकार्पण किया जा रहा है। यह सेण्टर कारीगरों को अपने उत्पादों को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न प्रकार की सुविधाएं सुलभ कराने के लिए बनाये गये हैं।
देश में स्थापित दूसरा केन्द्र होगा
मुख्यमंत्री के समक्ष ओडीओपी के उत्पादों का निर्यात बढ़ाने के लिए अमेज़ॉन डॉट कॉम के साथ एक एमओयू किया जा रहा है। इसके तहत अमेज़ॉन छोटी इकाइयों को अपने उत्पादों के निर्यात में सहायता करेगा। अमेज़ॉन छोटी इकाइयों को डिजिटाइज करने का कार्य किया जा रहा है। इसके लिए अमेज़ॉन द्वारा कानपुर में एक डिजिटल केन्द्र स्थापित किया जा रहा है। यह गुजरात राज्य के सूरत के बाद अमेज़ॉन द्वारा देश में स्थापित दूसरा केन्द्र होगा।
इन्होंने किया संबोधित
कार्यक्रम को एसएलबीसी के राज्य संयोजक बृजेश कुमार सिंह ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम के अन्त में स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया के मुख्य महाप्रबन्धक अजय खन्ना ने अतिथियों के प्रति आभार प्रकट किया। इस अवसर पर आयुक्त एवं निदेशक उद्योग मनीष चौहान, इन्वेस्ट यूपी के सीईओ अभिषेक प्रकाश, निदेशक सूचना शिशिर, अपर निदेशक सूचना अंशुमान राम त्रिपाठी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं बड़ी संख्या में हस्तशिल्पी, कारीगर तथा उद्यमी उपस्थित थे। सभी 75 जनपदों से हस्तशिल्पी, कारीगर तथा उद्यमी कार्यक्रम के साथ डिजिटल माध्यम से जुड़े हुए थे।