राजस्व : जीएसटी की चोरी रोकने के लिए योगी सरकार बरतेगी सख्ती, बनी ये योजना

प्रजेंटेशन देखते सीएम योगी आदित्यनाथ

Uttar Pradesh : राजस्व संग्रह सेक्टर के अन्तर्गत राज्य कर विभाग, स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग, आबकारी विभाग, परिवहन विभाग तथा भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग की गुरुवार को प्रजेंटेशन हुई। इसके बाद सीएम योगी (Yogi Adityanath) ने कई बड़े आदेश दिए।

बढ़ोत्तरी हुई है

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड काल की चुनौतियों के बाद प्रदेश के जीएसटी एवं वैट संग्रह में सतत वृद्धि हो रही है। वर्ष 2017-18 में संग्रहीत 58 हजार करोड़ रुपये के सापेक्ष वर्ष 2021-22 में लगभग 1,00,000 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह हुआ है। राज्य की आय बढ़ी है, उसी अनुरूप प्रदेश में व्यापक स्तर पर लोक कल्याण के कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। राज्य के बजट का आकार बढ़ा है, तो वहीं दूसरी ओर प्रदेशवासियों की प्रति व्यक्ति आय भी बढ़ी है।

चोरी रोकने के लिए उठाएं कदम

उन्होंने कहा कि जीएसटी और वैट की चोरी तथा लीकेज को बंद करने के लिए अभी और कार्य किए जाने की जरूरत है। इसके लिए जागरूकता कार्यक्रम भी हों। साथ-साथ प्रवर्तन की प्रभावी कार्रवाई भी की जाए। आबकारी विभाग में दशकों तक सिंडिकेट का राज था। प्रदेश सरकार ने नियोजित प्रयास से इसे समाप्त किया है। अवैध मदिरा बनाने और बेचने वालों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाए।

दलालों से सावधान रहें

आबकारी विभाग द्वारा राज्य को उपभोग राज्य की श्रेणी से ऊपर उठकर उत्पादक राज्य का दर्जा दिलाने के लिए नियोजित ढंग से प्रयास किया जाए। स्टाम्प एवं पंजीयन विभाग को राजस्व संग्रह बढ़ाने पर फोकस करना होगा। निबंधक कार्यालयों में दलालों को पूरी तरह समाप्त करना होगा। इसके लिए ठोस प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग में व्यापक परिवर्तन की जरूरत है।

अच्छे स्टेशन बनाए जाएं

उन्होंने आगे कहा, “पीपीपी मोड पर अच्छे बस स्टेशन बनाने की दिशा में प्रयास किए जाए। बसों की डग्गामारी को पूरी तरह बंद कराया जाए। उन्होंने कहा कि गाजियाबाद में विगत दिवस हुई स्कूल बस दुर्घटना दुःखद है। प्रकरण में दोषियों के साथ-साथ संबंधित परिवहन अधिकारी की जवाबदेही भी तय की जाए। स्कूल बसों की फिटनेस की जांच के लिए एक सप्ताह का प्रदेशव्यापी अभियान चलाया जाए और मानकों के हर पहलू पर परीक्षण किया जाए।”

आगे बढ़े अभियान

मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी में अधिकाधिक व्यापारी बंधु पंजीकृत हों, इसके लिए जागरूकता अभियान को और तेज करने की आवश्यकता है। लक्ष्य रखें कि आगामी 100 दिवस में व्यापारिक संगठनों तथा बार एसोसिएशन्स से नियमित सम्पर्क एवं संवाद स्थापित करके अभियान आगे बढ़ाया जाएं। व्यापारियों के कल्याणार्थ हमने बीते 05 वर्ष में कई अभिनव प्रयास किए हैं। राज्य सरकार द्वारा दिसम्बर, 2018 में व्यापारी कल्याण बोर्ड का गठन किया गया तो दुर्घटना बीमा की राशि 10 लाख रुपये कर दी गई है।

यूपी सबसे आगे है

व्यापारियों की जरूरत के मुताबिक ऐसे निर्णय आगे भी लिए जाएं। जीएसटी रिटर्न दाखिल करने वालों में उत्तर प्रदेश सर्वोत्तम राज्य है। मल्टीप्लेक्स और सिनेमाघरों के पुनर्निमाण को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। इसके तहत, सिनेमाघरों के उच्चीकरण के लिए लागू की गई समेकित प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत आने वाले पात्र आवेदकों के एसजीएसटी प्रतिपूर्ति के दावों का प्राथमिकता पर निस्तारण किया जाए।

100 दिन में ओटीएस योजना लागू हो

उन्होंने कहा कि जीएसटी से पूर्व के मुकदमों और बकाया के त्वरित निस्तारण के उद्देश्य से आगामी 100 दिनों के भीतर ओटीएस योजना लागू की जाए। प्रदेश से निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से निर्यातकों के देय रिफंड दावों का शीर्ष प्राथमिकता पर निस्तारण किया जाए। जीएसटी ऑडिट प्रक्रिया को सुदृढ़ किए जाने की जरूरत है।

कार्ययोजना तैयार हो

व्यापारियों का चयन जीएसटीएन द्वारा विकसित बिजनेस इंटेलिजेन्स टूल्स के आधार पर किया जाना चाहिए। आर्टिफिशियल इन्टेलिजेंस तथा अन्य तकनीक का प्रयोग करते हुए करापवंचन पर प्रभावी अंकुश लगाकर प्रदेश के राजस्व में वृद्धि के प्रयास किए जाएं। प्रदेश में जीएसटी ट्रिब्यूनल की स्थापना के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत करें।

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