Uttar Pradesh : अपना दूसरा कार्यकाल शुरू होते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने सभी विभागों से 100 दिन का लक्ष्य तय कर उसे हासिल करने के आदेश दिए। खास तौर पर उन्होंने प्रदेश में सभी विभागों में लंबित भर्तियों को 100 दिन में पूरा करने के लिए कहा। साथ ही सीएम ने सभी मंत्रियों से इसकी कार्ययोजना प्रस्तुत करने का आदेश दिया था।
जानकारी के मुताबिक सीएम ने मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र से सभी आयोगों की 100 दिनों में लक्ष्य के अनुरूप भर्ती किए जाने की रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा है कि सभी आयोगों के चेयरमैन के साथ समीक्षा कर इसकी रिपोर्ट सीएम कार्यालय को उपलब्ध कराएं। साथ ही प्राथमिकता के आधार पर सभी रिक्त पदों पर चयन की प्रक्रिया शुरू की जाए और। हर हाल में भर्ती प्रक्रिया 100 दिन में पूरी हो। इसके मुताबिक 6 महीने में विभिन्न आयोगों में करीब 36 हजार पदों पर भर्तियां की जानी हैं।
प्राथमिकता से करें काम
सीएम योगी ने बुधवार को लोक भवन में उच्च स्तरीय बैठक की। बीते दिनों मुख्यमंत्री ने उच्चतर सेवा शिक्षा चयन आयोग, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, पुलिस भर्ती बोर्ड सहित अन्य चयन आयोगों की समीक्षा बैठक की थी। तब मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार सभी विभागीय रिक्तियों को प्राथमिकता से भरने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आदेश दिए कि रिक्त पदों पर समयबद्ध चयन के लिए डिजिटल तरीका अपनाया जाए और एक ऑनलाइन पोर्टल की व्यवस्था की जाए।
36 हजार पदों पर होगी भर्ती
मुख्यमंत्री ने कहा कि चयन वर्ष की सीधी भर्ती के लिए सभी विभाग अधियाचन 31 मई से पहले भेजें। ताकि 36 हजार से अधिक पदों पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग और उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर सकें। उन्होंने विभागों में सीधी भर्ती के सभी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य रूप से इंडक्शन ट्रेनिंग की व्यवस्था लागू करने के आदेश दिए।
कैलेंडर तैयार करें
सीएम ने कहा कि हर प्रशासनिक विभाग इंडक्शन ट्रेनिंग माड्यूल और वार्षिक प्रशिक्षण कैलेंडर तैयार करेगा। साथ ही समूह ‘क’ और ‘ख’ के अफसरों के लिए इनसर्विस प्रशिक्षण व्यवस्था को प्रभावशाली ढंग से लागू किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश प्रशासन और प्रबन्धन अकादमी वार्षिक प्रशिक्षण कैलेंडर तैयार करें। सीएम के इस आदेश से प्रदेश के लाखों युवाओं को रोजगार की उम्मीद जगी है।
बंद संस्थान खोले जाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्सिंग तथा पैरामेडिकल के क्षेत्र में युवाओं के लिए कैरियर की अच्छी सम्भावनाएं हैं। इसे ध्यान में रखते हुए एएनएम तथा जीएनएम के बेहतर प्रशिक्षण के लिए अवस्थापना सुविधाओं का विकास आवश्यक है। इसके दृष्टिगत पिछले तीन दशकों से बन्द पड़े राज्य सरकार के प्रशिक्षण संस्थानों के पुनर्संचालन की कार्ययोजना तैयार की जाए।
मानकों का पालन हो
शुरुआत में 9 जीएनएम ट्रेनिंग स्कूल तथा 34 एएनएम केन्द्रों को संचालित करने की व्यवस्था की जाए। पर्याप्त एवं योग्य फैकल्टी की उपलब्धता सुनिश्चित कराते हुए प्रत्येक संस्थान में मानकों का कड़ाई से पालन कराया जाए। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज तथा जिला अस्पताल में भी इनके प्रशिक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए।