Uttar Pradesh News : प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चरल ग्रोथ को व्यापकता के साथ आगे बढ़ा रही योगी सरकार विभिन्न एक्सप्रेसवे से जुड़ी परियोजनाओं को मूर्त रूप देने में लगी हुई है। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरीडोर व गंगा एक्सप्रेसवे से जुड़ी परियोजनाओं को तेजी से धरातल पर उतारने का प्रयास किया जा रहा है।
इस संदर्भ में सम्भल में अब गंगा एक्सप्रेसवे से जुड़े निर्माण कार्यों को दिशा देने के लिए भूमि खरीद समेत अन्य प्रक्रियाओं को धरातल पर उतारने की कार्रवाई शुरू हो गई है। इसके लिए प्रयागराज में गंगा एक्सप्रेसवे के तहत भूमि खरीद के लिए आवंटित धनराशि में से कुछ राशि को अब सम्भल में भूमि खरीद के लिए प्रदान किया जाएगा।
इस मद में कुल 10 करोड़ रुपए से संभल में भूमि खरीद की प्रक्रिया को मूर्त रूप दिये जाने का निर्णय लिया गया है। इसके अतिरिक्त, गंगा एक्सप्रेसवे से जुड़ी अन्य परियोजनाओं के निर्माण प्रक्रिया को लेकर क्या गति है इसकी भी योगी सरकार लगातार मॉनिटरिंग कर रही है।
प्रयागराज से बची धनराशि का अब सम्भल में होगा उपयोग
प्रयागराज में गंगा एक्सप्रेसवे के तहत परियोजनाओं को मूर्त रूप देने के लिए और मुख्यतः भूमि खरीद के लिए 24.62 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे। इसमें से भूमि खरीद के लिए एक बड़ी धनराशि भूमि क्रय सफलतापूर्वक हो जाने के बाद भी उपयोग में नहीं लाई गई थी।
अब इसी धनराशि में से यमुना एक्सप्रेसवे डेवलपमेंट अथॉरिटी (यीडा) के आह्वान पर सम्भल में भूमि क्रय की प्रक्रिया को मूर्त रूप देने के लिए प्रयोग में लाया जाएगा। योगी सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) को इस प्रक्रिया को पूर्ण कराने का दायित्व सौंपा गया है।
संबंधी परियोजनाओं की निर्माण प्रगति की हो रही मॉनिटरिंग
गंगा एक्सप्रेसवे से जुड़ी परियोजनाओं और विशेषतौर पर एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य को लेकर जारी प्रगति को योगी सरकार लगातार मॉनिटर कर रही है। इस क्रम में उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) द्वारा गंगा एक्सप्रेसवे संबंधी निर्माण कार्यों की एक प्रगति रिपोर्ट भी जारी की गई है।
इसके अनुसार मुख्य कैरियज वे के लिए भूमि संबंधी कार्य 41 प्रतिशत तक पूर्ण हो चुके हैं, जबकि कैरियज वे की क्लीयरिंग व ग्रबिंग की प्रक्रिया को अब तक 100 प्रतिशत पूर्ण किया जा चुका है। वहीं, कैरियज वे की ग्रेनुलर सब बेस प्रक्रिया को अब तक 17 प्रतिशत पूरा किया गया है। मेन कैरियज वे के लिए डब्ल्यूएमएम की प्रक्रिया 15 प्रतिशत जबकि मेन कैरियज वे में डीबीएम की प्रक्रिया को 12 प्रतिशत पूर्ण कर लिया गया है।
इस तरह कुल 1348 में से 513 स्ट्रक्चर्स को पूरा कर लिया गया जो कि दर्शाता है कि फिलहाल गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना संबंधी कार्य 21 प्रतिशत की प्रगति दर से आगे बढ़ रहे हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2024 तक गंगा एक्सप्रेसवे को पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित है और मेरठ से प्रयागराज को जोड़ने वाला यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे कई मायनों में खास होगा। यही कारण है कि योगी सरकार लगातार परियोजना की प्रगति को लेकर रिव्यू करती रहती है और उसे आगे बढ़ाने के लिए उचित कार्ययोजना का क्रियान्वयन करती है।
देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे
डीबीएफओटी (Design, Build, Finance, Operate & Transfer) (टोल) मॉडल पर बन रहे देश के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे को चार भाग में बांट कर काम कराया जा रहा है। मेरठ से बदायूं तक के पहले ग्रुप के 130 किमी निर्माण के लिए आईआरबी इन्फ्राट्रक्चर डेवलपर्स लिमिटेड (IRB Infrastructure Developers Limited) और अन्य 3 ग्रुप में करीब 464 किमी निर्माण के लिए अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (Adani Enterprises Limited) को कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है। बिड में इन दोनों कंपनियों ने सबसे कम की बोली लगाई थी।
यहां से शुरू होगा
प्रवेश नियंत्रित गंगा एक्सप्रेसवे (Total Access Controlled) मेरठ-बुलन्दशहर मार्ग (N.H.334) पर जनपद मेरठ के बिजौली ग्राम के समीप से प्रारम्भ होगा एवं प्रयागराज बाईपास (N.H.2) पर जनपद प्रयागराज के जुड़ापुर दॉदू गांव के समीप समाप्त होगा। सब कुछ ठीक रहा तो साल 2024 तक इस एक्सप्रेसवे को तैयार कर लिया जाएगा।
12 जिलों को सीधे जोड़ेगा
यह एक्सप्रेसवे यूपी के 12 जिलों को सीधे जोड़ेगा। गंगा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे मेरठ, हापुड़, बुलन्दशहर, अमरोहा, सम्भल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ एवं प्रयागराज से होकर जायेगा। शुरुआत में यह एक्सप्रेसवे 6 लेन का तैयार हो रहा है। लेकिन बाद में इसे 8 लेन तक विस्तार दिया जा सकेगा। इसकी लम्बाई 594 किमी (593.947 किमी) एवं राइट ऑफ वे 120 मीटर है। गंगा एक्सप्रेसवे पर प्रवेश एवं निकासी के लिए अतिरिक्त 17 स्थानों पर इण्टरचेंज की सुविधा दी जाएगी। आपातकाल में वायु सेना के विमानों के लैण्डिंग और टेक ऑफ के लिए जनपद शाहजहांपुर में एक्सप्रेसवे पर हवाई पट्टी विकसित की जाएगी।
6 घंटे का होगा सफर
इस एक्सप्रेस-वे के पूर्ण हो जाने से लखनऊ से मेरठ की बीच की दूरी सिमट जाएगी। दोनों शहरों के बीच 12-15 घण्टे के स्थान पर 5-6 घण्टे लगेंगे। जबकि प्रयागराज और मेरठ के बीच की दूरी लगभग साढ़े छः घण्टे में तय की जा सकेगी। 21 अगस्त, 2021 को गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के क्रियान्वयन के लिए सेक्योरिटाइजेशन के आधार पर पंजाब नेशनल बैंक ने 5,100 करोड़ रुपये की ऋण स्वीकृति पत्र के हस्तांतरण पर साइन किया था।
पीएम ने किया था शिलान्यास
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की आचार संहिता से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 दिसंबर, 2021 को शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास किया था। विधानसभा चुनाव के बाद एक्सप्रेस-वे का निर्माण शुरू करने का निर्णय लिया गया था। बिड के मुताबिक अडानी ग्रुप के अधिकारियों की टीम मशीनों के साथ बदायूं पहुंची थी। भूमि पूजन के बाद एक्सप्रेस-वे का निर्माण शुरू कर दिया गया था।