Uttar Pradesh : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने प्रदेश की त्रिस्तरीय पंचायतीराज व्यवस्था को सुदृढ़ करने और विकास की इस धुरी को अधिक सशक्त बनाने पर बल दिया है। सरकार ने अपने सुधारों में त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय, बैठक भत्ता को बढ़ाते हुए ग्राम पंचायत के सदस्यों को भी वर्ष में 12 बैठकों तक के लिए प्रति बैठक 100 रुपये भत्ता देकर सम्मान दिया है।
73वें संविधान संशोधन के फलस्वरूप त्रिस्तरीय पंचायतीराज व्यवस्था को संवैधानिक स्थान प्राप्त हुआ। विकेन्द्रित नियोजन प्रक्रिया में विभिन्न विकास कार्यों के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी भी पंयाचतों को सौंपी गई है। वर्तमान में प्रदेश की सभी पंचायतें (जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत एवं ग्राम पंचायत) सूचना एवं प्रौद्योगिकी का प्रयोग कर ई-ग्राम स्वराज पोर्टल व पीएफएमएस के माध्यम से अपने कार्यों व धनराशि के भुगतान को पब्लिक डोमेन में प्रदर्शित कर रही हैं। इससे पंचायतों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता आयी है।
सहायक होगा
प्रदेश सरकार ने प्रत्येक 58,189 ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालय की स्थापना का निर्णय लिया है। ग्राम सचिवालय में पंचायत सहायक के साथ बीसी सखी, जन सेवा केन्द्र (सीएससी) व महिला पुलिस बीट कर्मी को स्थान आवंटित कर जनसमस्याओं के त्वरित निस्तारण एवं सर्विस डिलीवरी को मजबूत करने की नई पहल शुरू की गई है। ग्राम सचिवालय अपने आप में स्थानीय समस्याओं के निराकरण, विकास योजनाओं के क्रियान्वयन व ग्राम पंचायत के निवासियों को सभी योजनाओं व लाभार्थियों की सूचना उपलब्ध कराने में सहायक होगा।
जिम्मेदारी बढ़ी है
प्रदेश की पंचायतों को केन्द्रीय वित्त आयोग व राज्य वित्त आयोग की धनराशि व उससे सम्बन्धित विकास कार्य में वृद्धि, पंचायतों के कार्यों का डिजिटाइजेशन तथा अन्य विभागीय योजनाओं की धनराशि से कराये जाने वाले कार्यों का दायित्व बढ़ जाने के कारण ग्राम प्रधानों, ब्लॉक प्रमुखों, जिला पंचायत अध्यक्षों की भूमिका बढ़ गई है। संबंधित प्रतिनिधि पंचायतों में कराये जाने वाले विकास कार्यों के अनुश्रवण व क्रियान्वयन में अपना पूर्ण समय दे रहे हैं।
पहले नहीं मिलता था
प्रदेश में 7.31 लाख ग्राम पंचायत सदस्यों को वर्तमान में किसी भी प्रकार का भत्ता अनुमन्य नहीं है। निर्वाचित ग्राम पंचायत सदस्य बैठक में अपने रोजगार के कार्यों को छोड़कर हिस्सा लेते हैं। बैठकों में ग्राम पंचायत सदस्यों की सक्रिय प्रतिभागिता एवं उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने ग्राम पंचायत की बैठक में ग्राम पंचायत सदस्यों के लिए बैठक भत्ता को मंजूरी दी है।
सरकार ने बढ़ाया भत्ता
उत्तर प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत पदाधिकारियों के मानदेय, बैठक भत्ता में प्रदेश सरकार ने बढ़ोत्तरी की है। प्रदेश के ग्राम प्रधानों को मिल रहे 3,500 रुपये के मानदेय में 1500 रुपये की बढ़ोत्तरी करते हुए अब 5000 रुपये कर दिया है। प्रमुख, क्षेत्र पंचायत को मिल रहे 9,800 रुपये के मानदेय में 1500 रुपये की बढ़ोत्तरी करते हुए 11,300 रुपये कर दिया है। उसी तरह अध्यक्ष, जिला पंचायत को मिल रहे 14,000 रुपये के मानदेय में 1500 रुपये की बढ़ोत्तरी करते हुए 15,500 रुपये कर दिया है।
12 बैठकों का भत्ता मिलेगा
सदस्य, जिला पंचायत को मिल रहे 1000 रुपये प्रति बैठक के मानदेय में 500 रुपये की बढ़ोत्तरी करते हुए 1500 रुपये प्रति बैठक (वर्ष में 6 बैठक) कर दिया है। सदस्य, क्षेत्र पंचायत को मिल रहे 500 रुपये प्रति बैठक के मानदेय में 500 रुपये की बढ़ोत्तरी करते हुए 1000 रुपये प्रति बैठक (वर्ष में 6 बैठक) कर दिया है। अब सदस्य, ग्राम पंचायत को भी 100 रुपये प्रति बैठक (वर्ष में अधिकतम 12 बैठकों के लिए) बैठक भत्ता मिलेगा।
इस मद से मिलेगा मानदेय
पंचायत प्रतिनिधियों को दिये जाने वाला यह मानदेय, बैठक भत्ता राज्य वित्त आयोग से प्राप्त होने वाली धनराशि के 10 प्रतिशत धनराशि को केन्द्रीय वित्त आयोग की भांति प्रशासनिक एवं ओ एण्ड एम मद में अनुमन्यता के आधार पर भुगतान किया जाएगा।