यूपी : गन्ना उत्पादन बढ़ाने पर काम करेगी योगी सरकार, 100 दिन में आवारा पशुओं से मिलेगी राहत, जानें कैसे

Uttar Pradesh : योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Government) ने पिछले 5 वर्ष में 1,69,153 करोड़ रुपए का गन्ना मूल्य भुगतान कर नया कीर्तिमान बनाया है। सीएम योगी ने कहा है कि आगामी 100 दिनों में 8,000 करोड़ रुपए गन्ना मूल्य भुगतान के लक्ष्य के साथ प्रयास किए जाएं। 6 माह में यह लक्ष्य 12,000 करोड़ रुपए किया जाना चाहिए। प्रदेश सरकार किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान 14 दिनों के भीतर कराने के लिए संकल्पबद्ध हैं। इसके लिए सभी जरूरी प्रयास किए जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिलासपुर रामपुर, सेमीखेड़ा बरेली और पूरनपुर पीलीभीत की सहकारी चीनी मिल का आधुनिकीकरण किया जाना आवश्यक है। इस दिशा में कार्य किया जाए। नानौता, साथा और सुल्तानपुर चीनी मिल का सुदृढ़ीकरण किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि छाता, मथुरा में सुपर कॉम्प्लेक्स की स्थापना की जाएगी, जिसमें मल्टी फीड डिस्टलरी भी शामिल होगी। उन्होंने कहा कि पेराई सत्र 2022-23 के लिए गन्ना सर्वेक्षण नीति जारी कर दी जाए। डिजिटल सर्वेक्षण हो।

गन्ने की उत्पादकता बढ़ाई जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले 5 वर्ष में गन्ने की उत्पादकता वर्तमान के 81.5 हेक्टेयर से बढ़ाकर 84 टन प्रति हेक्टेयर करने के लक्ष्य के साथ कार्रवाई की जाए। उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2017 के अन्तर्गत स्वीकृत इकाइयों को अनुदान का अन्तरण अगले 100 दिन में कर दिया जाए। जनपद कौशाम्बी तथा चन्दौली में इजरायल तकनीक पर आधारित सेण्टर ऑफ एक्सीलेंस फॉर फ्रूट एण्ड वेजिटेबल की स्थापना का काम शुरू किया जाए।

गो-अभ्यारण्य की स्थापना हो
सीएम ने कहा कि पशु स्वास्थ्य एवं पशु कल्याण को बढ़ावा देने के साथ ही पशुधन से प्राप्त होने वाले उत्पादों के उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि की जानी चाहिए। यह रोजगार सृजन और किसानों की आय वृद्धि में भी सहायक है। निराश्रित गो-आश्रय स्थलों को स्वावलम्बी बनाने के लिए अगले 100 दिनों में गो-अभ्यारण्य की स्थापना की जाए। अगले 100 दिन में पंचायतीराज विभाग एवं नगर विकास विभाग से समन्वय कर 50,000 निराश्रित गोवंश को आश्रय दिलाया जाए। 6 माह के भीतर 1,00,000 निराश्रित गोवंश के लिए व्यवस्थित आश्रय स्थल तैयार कराए जाएं।

रेशम उत्पादन बढ़ाने पर जोर हो
उन्होंने कहा कि रेशम विभाग द्वारा कीटपालन गृह, उपकरण और अन्य सहायता उपलब्ध कराते हुए किसानों की आय में बढ़ोत्तरी के प्रयास हों। काशी में सिल्क एक्सचेंज मार्केटिंग बोर्ड का तकनीकी एवं विक्रय केन्द्र स्थापित किया जाए। सिल्क एक्सचेंज से अधिकाधिक बुनकरों को जोड़ा जाए। 5 वर्ष में रेशम धागे के उत्पादन को वर्तमान के 350 मीट्रिक टन से बढ़ाकर तीन गुना तक करने के प्रयास हों। बुनकरों, धागाकरण इकाइयों और सिल्क एक्सचेंज को डिजिटाइज कर एक प्लेटफार्म से जोड़ा जाए।

अफसरों ने दिया प्रजेंटेशन
अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी ने कृषि, कृषि विपणन एवं विदेश व्यापार, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग, अपर मुख्य सचिव उद्यान एमवीएस रामी रेड्डी ने उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, अपर मुख्य सचिव गन्ना विकास संजय भूसरेड्डी ने गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग, अपर मुख्य सचिव रेशम विकास नवनीत सहगल ने रेशम विकास विभाग, प्रमुख सचिव दुग्ध विकास सुधीर गर्ग ने पशुधन, दुग्ध विकास एवं मत्स्य विभाग, प्रमुख सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन अनिल गर्ग ने सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग तथा प्रमुख सचिव सहकारिता बीएल मीणा ने सहकारिता विभाग के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण दिए।

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