Uttar Pradesh : बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) की प्रमुख और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (BSP Chief Mayawati) ने आज सपा-भाजपा पर जमकर बरसीं। उन्होंने दोनों पार्टियों को नसीहत देते हुए बड़ा बयान दिया। दरअसल बसपा से निष्कासित लालजी वर्मा और रामअचल राजभर आज सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की मौजूदगी में अंबेडकरनगर में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) में शामिल हुए। यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले एक-एक कर बसपा के कद्दावर नेता दूसरी पार्टियों में शामिल हो चुके हैं। पिछले दो महीने में पार्टी के 9 बड़े चेहरे बसपा का साथ छोड़ चुके हैं।
जनाधार नहीं बढ़ेगा
बसपा नेताओं के दलबदल पर दूसरी पार्टियों को नसीहत देते हुए बसपा प्रमुख ने कहा, बीएसपी व अन्य विरोधी पार्टियों के भी निष्कासित किए गए लोगों को सपा में शामिल किये जाने से इस पार्टी का कुनबा व जनाधार आदि बढ़ने वाला नहीं है। बल्कि इससे यह और भी घटता व कमजोर होता हुआ ही चला जाएगा। जबकि सपा को यह मालूम होना चाहिये कि ऐसे स्वार्थी व दलबदलू किस्म के लोगों को लेने से, इनकी खुद की अपनी पार्टी में टिकटार्थी लोग अब बहुत गुस्से में हैं।
कृषि बिल वापस ले सरकार
उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा, भाजपा का यह कहना कि ‘सबका साथ, सबका विकास व सबका विश्वास’ आदि को लोग जुमला न मानकर इस पर कैसे विश्वास करें। जब देश के किसान 3 कृषि कानूनों की वापसी को लेकर लम्बे समय से तीव्र आन्दोलित एवं आक्रोशित भी हैं। केन्द्र सरकार ने तीन साल में पहली बार उत्पाद कर थोड़ा घटाकर लोगों को इस बार दिवाली पर कुछ राहत का तोहफा दिया है। उसी प्रकार दिवाली के बाद ही सही, यदि तीनों विवादित कृषि कानूनों को वापस लेकर केन्द्र सरकार देश के किसानों को भी दिवाली का तोहफा दे देती है तो यह बेहतर ही होगा।
तीन बार सांसद चुनी गईं
अम्बेडकरनगर से बसपा प्रमुख मायावती तीन बार लोकसभा के लिए चुनी गई हैं। वह साल 1998, 1999 और 2004 में यहां से सांसद चुनी गई थीं। इससे इस जिले में बसपा का प्रभाव समझा जा सकता है। मगर लालजी वर्मा और रामअचल राजभर के सपा में जाने से बसपा को बड़ा झटका लगा है। पार्टी जिले में कमतर हुई है। बसपा के 19 बागी और निष्कासित विधायकों में से 8 अब तक समाजवादी पार्टी में शामिल हो चुके हैं।