Uttar Pradesh : समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) पर यूपी में दारोगा भर्ती में धांधली का आरोप लगाया है। बुधवार को सपा कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि 2020 और 2021 में दरोगा भर्ती में 15 लाख रुपये लेकर पेपर करवाया गया है। इस दौरान उनके साथ तमाम अभ्यर्थी भी मौजूद रहे। सपा इस परीक्षा को निरस्त करने की मांग कर रही है।
SC-ST की जगह सामान्य अभ्यर्थियों का हुआ चयन
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने कहा कि यूपी के 10 परीक्षा केंद्रों पर नकल कराई गई। एससी, एसटी के स्थान पर सामान्य परीक्षार्थियों का चयन हुआ है। इसीलिए यह पूरा मामला हाई कोर्ट में निर्णय के लिए लम्बित है। वहीं निर्णय की प्रतीक्ष न करके सरकार भर्ती की कार्रवाई को आगे बढ़ा रही है। सपा विधायक सचिन यादव ने कहा कि मामला कोर्ट में चल रहा है, लेकिन भर्ती निरस्त न करके रिजल्ट घोषित कर दिया गया।
हाईकोर्ट ने जारी किया था नोटिस
बता दें कि यूपी के डेढ़ दर्जन से अधिक जिलों के दर्जनों अभ्यर्थियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दारोगा भर्ती प्लाटून कमांडर पीएसी एवं अग्निशमन द्वितीय अधिकारी के पदों पर सीधी भर्ती 2020- 21 के चयन में धांधली व अनियमितताओं का आरोप लगाया था। वहीं इस भर्ती प्रक्रिया को चुनौती भी दी थी। हाईकोर्ट ने इस याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा था। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के चेयरमैन व परीक्षा कराने वाली कार्यदायी संस्था नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसएआईटी) को भी नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था।
ब्लैक लिस्टेड संस्था से कराया एग्जाम
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सपा ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की करायी गयी दारोगा भर्ती परीक्षा-2020-21 में 7 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए। उसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और धांधली हुई। समाजवादी पार्टी भर्ती प्रक्रिया में हुए भ्रष्टाचार और धांधली की विस्तृत जांच की मांग करती है। प्रदेश सरकार ने भर्ती एनएसईआईटी एजेन्सी से करायी जो मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड में ब्लैक लिस्टेड है। ऑनलाइन प्रक्रिया से हुई भर्ती में भारी नकल हुई। तमाम अभ्यर्थियों ने साल्वरों के जरिए शामिल होकर भ्रष्टाचार किया। भर्ती धांधली और रिश्वत लिए जाने को लेकर सैकड़ों एफआईआर हुई हैं। एसटीएफ ने दर्जनों गिरफ्तारियां की है। भर्ती प्रक्रिया हाईकोर्ट में लम्बित है। फिर भी नियुक्ति प्रक्रिया जारी है।
जांच कराया गया
अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के विधायक एवं इंजीनियर सचिन यादव, पंकज पटेल, हिमांशु सिंह की टीम बनाकर पूरे मामले की जांच करायी। जांच रिपोर्ट में आया है कि साल्वरों ने कहीं 4 मिनट में ही 40 सवाल हल कर डाले हैं, तो कहीं 5 सेकण्ड में 23 सवाल हल कर दिये हैं। प्रेस कांफ्रेंस में विधायक एवं इंजीनियर सचिन यादव, पंकज पटेल, हिमांशु सिंह ने भी तथ्यों को रखते हुए भ्रष्टाचार को उजागर किया।