Uttar Pradesh : शुक्रवार 25 मार्च को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में लगातार दूसरी बार शपथ ली। उनके साथ 52 अन्य विधायकों ने उपमुख्यमंत्री और मंत्री पद की शपथ ली थी। इसके बाद उन्होंने मंत्रिमंडल की पहली बैठक की।
बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जनसेवा से बढ़कर कोई और पुण्य का कार्य नहीं है। दायित्वों का प्रतिबद्धता और निष्ठा के साथ निर्वहन करने से आत्मिक सन्तुष्टि मिलती है। मंत्रियों को जनता और प्रदेश की सेवा करने का एक पुनीत अवसर मिला है। इस अवसर को उपलब्धि में बदलते हुए प्रदेश के विकास और जनता की खुशहाली के लिए हम सभी को निरन्तर प्रयासरत रहना होगा।
जनता का आभार जताया
मुख्यमंत्री लोक भवन में मंत्रिमण्डल के सदस्यों के साथ पहली बैठक में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस परिचयात्मक बैठक में उन्होंने राष्ट्रवाद, सुरक्षा, सुशासन एवं विकास पर विश्वास जताने के लिए प्रदेश की जनता के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने राज्य की प्रगति और समृद्धि में योगदान करने के लिए विगत राज्य सरकार के मंत्रिगण के प्रति भी आभार प्रकट किया।
समय से निपटें फाइलें
सीएम ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता एवं ईमानदारी बेहद महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने कार्याें को नीति एवं नियमों के अन्तर्गत सम्पादित किए जाने पर बल देते हुए कहा कि फाइलों का निस्तारण समयबद्धता के साथ किया जाना चाहिए। किसी भी स्थिति में पत्रावलियां लम्बित नहीं रहनी चाहिए।
ट्रांसफर पोस्टिंग में ईमानदारी रहे
सीएम ने कहा कि मंत्री समय से अपने कार्यालय में उपस्थित रहकर कार्यों का सम्पादन करें। परफॉर्मेंस बेस्ड कार्यों पर फोकस हो। उन्होंने कहा कि ट्रांसफर-पोस्टिंग का कार्य बिना किसी भेदभाव के पूरी पारदर्शिता के साथ होना चाहिए। उन्होंने ऑनलाइन ट्रांसफर पद्धति को अपनाने पर बल देते हुए कहा कि शासन की स्थानान्तरण नीति के अनुरूप ही ट्रांसफर होने चाहिए।
जन सेवा जरूरी है
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनप्रतिनिधि होने के नाते मंत्री का जनता के साथ प्रभावी सम्पर्क और संवाद होना चाहिए। जनता की शिकायतों व समस्याओं के समाधान के लिए नियमित जनसुनवाई की जाए। प्रभारी मंत्री के रूप में प्रत्येक माह जनपद में जाएं। इस दौरान विकास कार्यों की समीक्षा के साथ ही भौतिक सत्यापन करते हुए जनता से इनके सम्बन्ध में फीडबैक प्राप्त करें। जनपद प्रवास के दौरान जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक भी की जाए।
सादगी की मिशाल पेश करें
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, ‘सरकार के प्रतिनिधि के रूप में मंत्रियों के कार्य व्यवहार और आचरण पर सभी की दृष्टि रहती है। ऐसी स्थिति में आप सभी मंत्रिगण द्वारा सादगी और शुचिता का उदाहरण प्रस्तुत किया जाना चाहिए। मंत्रिगण के सार्वजनिक जीवन से जुड़े दायित्वों एवं कार्याें में परिवार का किसी भी स्तर पर हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। इसी प्रकार मंत्रिगण अपने निजी स्टाफ पर भी विशेष ध्यान देते हुए उनकी गतिविधियों पर नजर रखें।’
आईआईएम में चलेगी क्लास
उन्होंने कहा कि राज्यपाल के साथ मंत्रिमण्डल की बैठक प्रस्तावित की जाए। प्रदेश के विकास को नई गति प्रदान करने के लिए आईआईएम, लखनऊ में मंत्रिमण्डल के सदस्यों के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाएं।