Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की अगुवाई वाली कैबिनेट ने गुरुवार को कई महत्वपूर्ण फैसलों पर मुहर लगाई। इसमें मेडिकल कॉलेज में शिक्षक की उपलब्धता, पर्यटन नीति समेत कई फैसले शामिल हैं।
मेडिकल कॉलेज में शिक्षकों को मंजूरी
शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए योगी आदित्यनाथ मंत्रिपरिषद (Yogi Adityanath Cabinet) ने राजकीय मेडिकल कॉलेज (Government Medical College) के लिए बड़ा फैसला लिया है। इसमें गोरखपुर, प्रयागराज, कानपुर, झांसी, मेरठ, आगरा, किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ, डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ, उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, सैफई, इटावा में चिकित्सा शिक्षकों को अधिवर्षता उम्र पूर्ण करने के पश्चात 70 वर्ष की आयु तक पुनर्नियुक्ति की व्यवस्था के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई है। इन्हें पुनर्नियुक्ति शर्तों के अनुसार अन्तिम वेतन में से पेंशन घटाते हुए अनुमन्य धनराशि दी जाएगी।
मंत्रिपरिषद ने राजकीय मेडिकल कॉलेज आजमगढ़, अम्बेडकरनगर, बांदा, बदायूं, जालौन, कन्नौज, सहारनपुर, समस्त स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय में चिकित्सा शिक्षा अनुभाग-1 के 20 सितम्बर, 2018 के शासनादेश में प्राविधानित व्यवस्था के अनुसार पुनर्नियुक्ति के फलस्वरूप 2 लाख 20 हजार रुपये प्रतिमाह नियत पारिश्रमिक के प्रस्ताव को भी मंजूरी प्रदान कर दी है। पुनर्नियुक्ति पर तैनात चिकित्सा शिक्षकों से शैक्षणिक, शोध एवं मरीजों से उपचार सम्बन्धी कार्य लिया जाएगा। इन्हें प्रशासनिक पद यथा प्रधानाचार्य, निदेशक, विभागाध्यक्ष, प्रॉक्टर एवं डीन के दायित्व, प्रभार से मुक्त रखा जाएगा।
उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति 2018
यूपी कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति 2018 के अन्तर्गत पर्यटन इकाइयों को वित्तीय प्रोत्साहन (इनसेन्टिव), सुविधाएं, छूट के लिए व्यावसायिक सुगमता (ईज ऑफ डूईंग बिजनेस) प्रदान करने के लिए नीति में संशोधन किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
संशोधन के अनुसार पर्यटन नीति के अन्तर्गत नई इकाई की परिभाषा, पंजीकरण के लिए होटल, बजट होटल, हेरिटेज होटल, ईको टूरिज्म रिसॉर्ट, स्पोर्ट्स रिसॉट, टेन्टेड एकोमोडेशन, टूरिज्म हॉस्पिटैलिटी एण्ड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स, एडवेंचर टूरिज्म प्रोजेक्ट, थीम पार्क, कंवेंशन सेण्टर, रिवर क्रूज टूरिज्म यूनिट, वेलनेस टूरिज्म यूनिट, मार्गीय सुविधा, कैरावेन टूरिज्म, ग्राम स्टे, फार्म स्टे, कैम्पिंग साइट व फिक्सड टेंट यूनिट, साउण्ड एण्ड लाइट शो, टूर एण्ड ट्रैवल ऑपरेटर, बेड एण्ड ब्रेकफास्ट, होम स्टे, पेइंग गेस्ट श्रेणियों को परिभाषित करने की व्यवस्था की गयी है। वित्तीय प्रोत्साहन के लिए प्राप्त आवेदनों पर विचार एवं स्वीकृति की प्रक्रिया का निर्धारण भी किया गया है।
उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति-2018 के अंतर्गत पर्यटकों को अपने घरों में ही ठहरने की सुविधा प्रदान किए जाने के लिए बेड एण्ड ब्रेकफास्ट योजना संचालित की गयी थी। जिसमें स्थानीय स्तर पर पर्यटकों को क्षेत्रीय व्यंजन कला व संस्कृति का अनुभव प्रदान किया जा सके। स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिल सके। इस योजना के अंतर्गत होम स्टे व पेइंग गेस्ट को भी सम्मिलित किया गया है। यह पूर्णतः गैर-व्यावसायिक है। ऐसी सभी इकाइयों से विद्युत कर, जल कर, गृह कर आदि आवासीय दर पर लिये जाएंगे।
प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मान्यता प्राप्त टूर एवं ट्रैवेल ऑपरेटर को पर्यटन नीति के अन्तर्गत पंजीकरण प्रदान किया जाएगा। पंजीकृत टूर-ट्रैवल ऑपरेटर मात्र उत्तर प्रदेश के ही पैकेज ऑफर करेंगे। पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित किए जाने वाले मेले-महोत्सव व इण्टरनेशनल ट्रैवेल मार्टों में पंजीकृत टूर- ट्रैवेल ऑपरेटरों को वरीयता प्रदान की जाएगी।
मलिन बस्ती पुनर्विकास नीति-2021
योगी आदित्यनाथ की अगुवाई मंत्रिपरिषद ने उप्र स्व-स्थाने मलिन बस्ती पुनर्विकास नीति-2021 के प्रख्यापन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस नीति के अनुसार ‘मलिन बस्ती’ का अभिप्राय उत्तर प्रदेश मलिन बस्ती क्षेत्र (सुधार और निपातन) अधिनियम, 1962 की धारा-3 के अनुसार परिभाषित स्लम से है। इस नीति के अंतर्गत ऐसी मलिन बस्ती मान्य होंगी, जिनमें न्यूनतम 300 व्यक्ति निवासित हों।
नीति के क्रियान्वयन के लिए राज्य नगरीय विकास अभिकरण (सूडा), उप्र को राज्य स्तरीय नोडल एजेंसी के रूप में नामित किया गया है। नीति के क्रियान्वयन के लिए राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय सक्षम प्राधिकारी, अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन विभाग की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय मूल्यांकन समिति, नगरीय स्तर पर नगर निगमों के लिए मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में तथा अन्य नगर निकायों में जिला अधिकारी की अध्यक्षता में नगर स्तरीय सक्षम प्राधिकारी का गठन किया जाएगा।
चिन्हित मलिन बस्तियों के मूल्यांकन एवं नगर स्तरीय सक्षम प्राधिकारी को तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने के लिए परियोजना निदेशक, जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) की अध्यक्षता में नगर स्तरीय तकनीकी समिति का गठन किया जाएगा।
इस नीति में शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी), क्रियान्वयन संस्था, निजी विकासकर्ता की भूमिका एवं दायित्व के साथ परियोजना के विकास, लाभार्थियों की पात्रता तथा उनको मिलने वाले लाभ, आवंटन प्रक्रिया, अनिवार्य विकास मापदण्ड एवं प्रधानमंत्री आवास योजना-सबके लिए आवास (शहरी) मिशन से प्राप्त किए जाने वाले अनुदान के सम्बन्ध में सुस्पष्ट प्राविधान किए गए हैं।
बताते चलें कि स्लम में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर में सुधार के लिए आवास, पेयजल, प्रकाश व सड़क जैसी मूलभूत आवश्यक सुविधा मुहैया कराते हुए, उनका सर्वांगीण विकास किया जाना राज्य सरकार का अभीष्ट है। इन स्लम वासियों के उन्नयन के लिए उपयुक्त ईको सिस्टम के सृजन के लिए ‘उप्र स्व-स्थाने मलिन बस्ती पुनर्विकास नीति-2021’ के प्रख्यापन का निर्णय लिया गया।