सोहसा कुटी संपत्ति फर्जीवाड़ा : गुस्साए ग्रामीणों ने मुख्य महंत से की शिकायत, बताए आरोपी सन्यासी के काले कारनामे

Deoria News : देवरिया जिले के गौरी बाजार क्षेत्र के सोहसा गांव में स्थित श्री ठाकुर जी कुटी की संपत्ति केयरटेकर साधु के नाम होने का मामला गरमाता जा रहा है। इस संबंध में ग्रामीणों ने मुख्य महंत वैष्णव दास से मिल कर आपत्ति दर्ज कराई है। अब गांव के लोग कानूनी कार्रवाई की तैयारी कर रहे हैं।

बताते चलें कि गौरी बाजार के सोहसा गांव में श्री ठाकुर जी कुटी स्थित है। राजस्व विभाग के दस्तावेजों के मुताबिक इस कुटी की संपत्ति पर वर्तमान में भगवान की सेवा कर रहे सन्यासी ने अपना नाम दर्ज करा लिया है। इसका पता लगने पर गांव के लोग आक्रोशित हैं।

जांच कराएंगे महंत
इसी सिलसिले में ग्रामीणों ने मुख्य महंत श्री वैष्णव दास त्यागी के साथ बैठक की और पूरे मामले से अवगत कराया। वैष्णव दास ने ग्रामीणों को आश्वस्त कराया कि वह इस पूरे प्रकरण की जांच कराएंगे। तदोपरांत आरोपी सन्यासी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हालांकि गांव के लोग सन्यासी को पहले ही हटाने की मांग कर चुके हैं।

काली करतूतों के बारे में शिकायत की
बैठक में ग्रामीणों ने आरोपी सन्यासी के अन्य आपत्तिजनक कारनामों के बारे में भी शिकायत की। आक्रोशित ग्रामीण फिलहाल इस पूरे मामले में अब कानूनी कार्रवाई की तैयारी कर रहे हैं। उनका कहना है कि राजस्व के दस्तावेजों में श्री ठाकुर जी कुटी की संपत्ति पर पूर्ववत नामों को ही रखा जाए।

ये रहे मौजूद
इस दौरान गांव के पौहारी राय, बुनेला राय, राजेश राय, उमेश राय, पूर्व ग्राम प्रधान अशोक राय, धर्मेंद्र राय, पप्पू सिंह, परमात्मा सिंह, प्रमोद सिंह, अवनीश राय, प्रिंस सिंह, संजय राय और अमित राय सहित अन्य प्रबुद्धजन उपस्थित रहे।

यह है पूरा मामला
सोहसा गांव के निवासी पौहारी राय ने बताया कि उनके गांव के ही श्रवण साधु ने 30 नवंबर 1972 को अपनी सारी चल-अचल संपत्ति श्री ठाकुर जी कुटी के नाम दान कर दी थी। इसके लिए बाकायदा दान पत्र लिखा गया था। कुटी के रखरखाव और ठाकुर जी के देखभाल की जिम्मेदारी महंत श्री वैष्णव दास त्यागी को दी गई थी। उनके जिम्मे कुशीनगर जनपद की मुंडेरा रतन पट्टी और अयोध्या में भी मंदिर हैं। वह हर मंदिर पर मौजूद नहीं रह सकते थे, इसलिए उन्होंने समय-समय पर सोहसा श्री ठाकुर जी कुटी पर अपने उत्तराधिकारी महंत की नियुक्ति की।

प्रॉपर्टी पर अपना नाम दर्ज कराया
राजस्व विभाग के अभिलेखों में समय-समय पर ठाकुर जी कुटी पर रह रहे महंत के नाम संपत्ति के केयरटेकर के रूप में जुड़ते रहे। ठाकुर जी कुटी के नाम सोहसा और करौंदी दो गांव में संपत्ति है। पौहारी राय ने बताया कि सोहसा में कुटी की संपत्ति पर अब भी ठाकुर जी का नाम दर्ज है, लेकिन करौदी में करीब डेढ़ हेक्टेयर भूमि पर महंथदास उर्फ धर्मदास ने अपना नाम करा लिया है।

जांच कर हो कार्रवाई
अपनी बात रखते हुए पौहारी राय ने कहा कि कुटी की संपत्ति पर सिर्फ श्री ठाकुर जी का नाम होना चाहिए। लेकिन साल 1972 से 2022 तक जितने भी महंत यहां नियुक्त हुए, सबके नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज होते चले गए। इससे संपत्ति पर एकाधिकार का खतरा बढ़ता जा रहा है। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह से इस पूरे मामले की गहनता से छानबीन कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गुहार लगाई है।

मनमानी करता रहा महंत
आरोपी साधु महंथदास उर्फ धर्मराज पर पहले भी मनमानी के आरोप लगते रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि करौदी में स्थित कुटी की उपजाऊ जमीन को महंत ने बिना सोचे समझे ईंट-भट्ठों के हवाले कर दिया। अब इस जमीन में गहरे गड्ढे हैं, खेत की उर्वरता खत्म हो गई है। अब उसे खेती योग्य बनाना मुश्किल होगा। महंथदास इससे पहले कुशीनगर की रतन पट्टी मंदिर पर भी नियुक्त था और वहां भी उस पर मंदिर की संपत्ति पर एकाधिकार जमाने के आरोप लगे थे। अपनी जरूरतों के मुताबिक महंत कुटी की जमीनों को बंधक रखकर पैसे लेने से भी नहीं हिचकता है।

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