स्वयं सहायता समूहों से ग्रामीण भारत के विकास में जुड़ रहे हैं नए आयाम: डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह

-एसएचजी को आरबीआई नॉर्म्स के मुताबिक सहयोग करें बैंक: डीएम

-राष्ट्रीय आजीविका मिशन के अंतर्गत एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का हुआ आयोजन

Deoria News : राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत बैंक शाखा प्रबंधकों का सूक्ष्म वित्त एवं वित्तीय समावेशन विषयक एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह (Jitendra Pratap Singh IAS) की अध्यक्षता में विकास भवन स्थित गांधी सभागार में हुआ।

इस अवसर पर बैंकर्स को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में नए आयाम जुड़ रहे हैं। इनसे ग्रामीण भारत की कई समस्याओं का समाधान हो रहा है। रोजगार के नए अवसर भी उपलब्ध हो रहे हैं।

प्रभावी मैकेनिज्म बनाने की आवश्यकता है

उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के किए जा रहे कार्यों की मॉनिटरिंग करने एवं उनकी समस्याओं के समाधान के लिए एक प्रभावी मैकेनिज्म बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने जनपद के समस्त बैंकर्स से आरबीआई के निर्धारित नॉर्म्स के मुताबिक स्वयं सहायत समूहों के खाते खोलने तथा माइक्रोफाइनेंस उपलब्ध कराने के लिए प्राथमिकता देने को कहा।

2500 नए समूहों का गठन होना है

मुख्य विकास अधिकारी रवींद्र कुमार ने कहा कि जनपद में  कुल 14300 एसएचजी पहले से गठित हैं। वित्तीय वर्ष 2022-23 में 2521 नए समूहों का गठन होना है, जिनके लिए समूह बचत खाता खोलना होगा। समूहों के लिए 4000 कैश क्रेडिट लिंक करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इन सभी कार्यों में बैंकर्स के सक्रिय सहयोग की आवश्यकता होगी।

ये अधिकारी रहे मौजूद

कार्यशाला में एआईआरडी हैदराबाद के एस सुंदरम तथा राजन बाबू ने जनपद के बैंकर्स को स्वयं सहायता समूहों की क्रेडिट लिंकेज, वित्तीय साक्षरता एवं माइक्रोफाइनेंस के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी दी। इस अवसर पर जिला विकास अधिकारी रवि शंकर राय, डीसी मनरेगा बीएस राय, नाबार्ड के डीडीएम संचित सिंह, एलडीएम समेत बड़ी संख्या में बैंकर्स उपस्थित थे।

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