नेता जी को याद कर भावुक हुए पीडी तिवारी : अपने जीवन में उनकी अहमियत को किया बयां, जानें क्यों अलग थे मुलायम सिंह यादव

Deoria News : छात्र जीवन से राजनीति में कदम रखने वाले पूर्णेन्दु तिवारी पीडी (Purendu Tiwari PD) अब बड़े नाम हैं। उन्हें यह पहचान दिलाने में पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) का महत्वपूर्ण योगदान था। उन्होंने पीडी को समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) में जिम्मेदारी देकर उनके राजनीतिक जीवन को निखारा। अब वह सपा के कद्दावर नेताओं में से एक हैं। देवरिया जिले की बरहज विधानसभा से वह पार्टी के उम्मीदवार भी रहे हैं।

नेता जी के निधन के बाद उनके चाहने वाले शोक मना रहे हैं। अलग-अलग तरह से उनके समर्थक उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। पीडी ने भी उनके साथ के कुछ लम्हों को याद किया और दी देवरिया डॉट कॉम से उन्हें साझा किया। इस दौरान पीडी बेहद भावुक रहे।

पूर्णेन्दु तिवारी ने बताया कि पहली बार अखिलेश जी ने मुझे इटावा में नेता जी मिलवाया। छात्र नेता के मान-सम्मान को जितना नेता जी ने आगे बढ़ाया, उतना किसी ने नहीं बढ़ाया। नेता जी ने आंदोलन और जेल यात्रा के बाद बाहर आने पर पार्टी कार्यालय पर सभी के सामने माला पहना कर मुझे सम्मान दिया।

पीडी ने बताया कि एक रैली में मंच पर शिवपाल यादव संचालन कर रहे थे। मुलायम सिंह जी ने दो बार कहा कि पीडी तिवारी देवरिया से आया छात्र नेता है, उसे मंच पर बुलाओ। यह सिर्फ नेता जी कह सकते थे। उन्होंने मुझसे फ़ोन पर रात को बात की और कहा कि पूरा मुक़दमा अखिलेश जी को बता दो। उन्होंने हाईकोर्ट के अधिवक्ता भाटिया जी को कॉल किया और कहा कि युवा आंदोलन किए हैं, मदद कर दो इनकी।

सपा नेता ने आगे बताया, ‘जब विक्रम सिंह डीजीपी थे, पुलिस ने हमारी तलाश में कई बार छापेमारी की। तब सपा युवा प्रभारी मुझे नेता जी के पास ले गए। नेता जी ने तत्काल डीजीपी को फ़ोन से निर्देश दिया और कहा कि इन नौजवानों के सम्मान के लिए पूरी पार्टी इनके साथ खड़ी है। उन्होंने युवा प्रभारी अखिलेश जी से हम लोगों का ध्यान रखने के लिए कहा।’

नेता जी हमेशा कहते थे कि क्षेत्र में जाओ, जनता के दुःख-सुख में सहभागी बनो, अस्पताल में लोगों की हेल्प करो। एक बार के आग्रह पर पूर्व मुख्यमंत्री कई लोगों से मिले। तमाम लोगों की उन्होंने मदद की। पीडी तिवारी का नाम लेकर लोग उनसे अपना काम कराते थे।

पीडी आगे बताते हैं, ‘एक बार उन्होंने नेता जी से कहा कि उनके सिर पर किसी राजनीतिक परिवार या बड़ी शख्सियत का हाथ नहीं है। तब मुलायम सिंह बेहद भावुक हुए और उन्हें हौसला देते हुए कहा था कि मजबूत इरादे से लड़ाई जीती जाती है। इसलिए कभी मनोबल कमजोर न करना। जनता की सेवा करते रहो, काफिला बढ़ता जाएगा।’

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