Deoria news : देवरिया, गोरखपुर और बस्ती समेत उत्तर प्रदेश के 59 शहरों के मास्टर प्लान (Master Plan 2031) को अगस्त में शासन से मंजूरी मिल जाएगी। इसके लिए विभाग वार तिथियां तय कर दी गई हैं। इन सभी शहरों में नए मास्टर प्लान के आधार पर ही नए निर्माण प्रोजेक्ट को मंजूरी दी जाएगी। स्थानीय प्राधिकरण महायोजना के आधार पर ही नक्शा पास करेंगे।
तेजी आई है
लंबे समय से देवरिया मास्टर प्लान 2031 (Deoria Master Plan 2031) को लागू करने की योजना बन रही है। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह (Jitendra Pratap Singh IAS) के आने के बाद इसमें तेजी आई है। जानकारी के मुताबिक शासन की तरफ से आवास विभाग ने आपत्ति निस्तारण से लेकर मास्टर प्लान के शासन तक पहुंचने की तिथि तय की है।
ये है लक्ष्य
सभी प्राधिकरण को कहा गया है कि वह आपत्तियों का निस्तारण 20 जुलाई से 25 जुलाई के बीच अनिवार्य रूप से पूरा कर लें। उसके बाद 25 जुलाई से 30 जुलाई के बीच से विकास प्राधिकरण इसे बोर्ड से अंतिम अनुमोदन कराया जाएगा। तत्पश्चात 31 जुलाई से 10 अगस्त के बीच मास्टर प्लान को आवास एवं शहरी नियोजन विभाग को भेज दिया जाएगा। उसके बाद शासन स्तर पर इसे अंतिम रूप दिया जाएगा और लागू करने के लिए स्वीकृति मिलेगी।
रुकावट आती है
जानकारी के मुताबिक शासन इन सभी शहरों के मास्टर प्लान में व्यवसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा। दरअसल शहरी आबादी में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। इस वजह से पुराने शहरों में जमीन कम पड़ रही है। नए क्षेत्रों की ज्यादातर जमीन खेती की है। इस वजह से निर्माण कार्यों में रुकावट आती है।
व्यवसायिक अनुमति मिलेगी
मास्टर प्लान बन जाने के बाद कम जमीन पर मल्टीस्टोरी इमारतें बनाई जाएंगी। लोगों को मिश्रित उपयोग यानी नीचे व्यवसाय और ऊपर आवास बनाने की अनुमति होगी। साथ ही मुख्य सड़क की जमीनों पर व्यवसाय करने की अनुमति मिलेगी। इन सभी शहरों के मास्टर प्लान 2031 को आबादी और जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
इन शहरों के मास्टर प्लान को मिलेगी अनुमति
शासन से अगस्त में जिन 59 शहरों के मास्टर प्लान को अनुमति मिलेगी, उसमें देवरिया, गोरखपुर, मऊ, पीलीभीत, अमरोहा, चंदौसी, संभल, आगरा, बस्ती, लखनऊ, मथुरा, रायबरेली, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, गाजीपुर, लखीमपुर खीरी, फिरोजाबाद, कानपुर, शिकोहाबाद, उन्नाव, बदायूं, एटा, इटावा, फर्रुखाबाद, हरदोई, हाथरस, कासगंज, मैनपुरी, मुगलसराय, वाराणसी, बड़ौत, गाजियाबाद, हापुड़, लोनी, मोदीनगर, बरेली, मुरादाबाद, रामपुर, शाहजहांपुर, सीतापुर, बांदा, फतेहपुर, झांसी, ललितपुर, औरैया, मिर्जापुर, प्रयागराज, रामनगर, गोंडा, जौनपुर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, शामली, सुल्तानपुर, खुर्जा, बुलंदशहर और अलीगढ़ शामिल हैं।
ये है प्रस्तावित
दरअसल मास्टर प्लान के मुताबिक शहर में नाला किनारे ग्रीन बफर, पोखरे किनारे ग्रीन बेल्ट, ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार, पर्यावरण के अनुरूप व्यवस्थाएं की जाएंगी। स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, पार्क, प्ले ग्राउंड, इंडस्ट्रियल एरिया भी बेहतर हो जायेंगे। लेकिन दुकानदारों और भवन स्वामियों का पूरा ध्यान सड़क चौड़ीकरण को ओर है। हालांकि नागरिकों के सुझाव और आपत्तियों के निपटारे के बाद ही मास्टर प्लान को अंतिम रूप दिया जाएगा।
गांवों को मिलेगा तौहफा
मास्टर प्लान 2031 के अंतरिम प्रारूप में शहर को अत्याधुनिक बनाने की झलक दिखाई दे रही है। सड़कों की चौड़ाई के साथ-साथ हरी पट्टी और फैसिलिटी जोन का प्रस्ताव किया गया है। पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की मंशा के मुताबिक शहर के दायरे से बाहर के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए भी व्यावसायिक, सामाजिक और आर्थिक सुविधाएं प्रस्तावित की गई हैं।