Gorakhpur Siliguri Expressway Latest Update : गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे रूट के इन जिलों में पिलर गाड़ने का काम शुरू

Gorakhpur Siliguri Expressway : पश्चिम बंगाल को पूर्वांचल से जोड़ने वाले भारत सरकार के महत्वाकांक्षी सिलीगुड़ी गोरखपुर एक्सप्रेस वे (Siliguri Gorakhpur Expressway) का निर्माण इस साल के आखिर में शुरू होना है। इसके लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बिहार के सुपौल जिले में प्रशासन ने कुछ गांव में जमीन चिन्हित कर पिलर गाड़ने का काम शुरू कर दिया है। यूपी के 3 जिलों गोरखपुर, देवरिया और कुशीनगर में भी संभावित प्रभावित गांवों की लिस्ट जारी हो गई है।

एनएचएआई की ये है तैयारी
दरअसल भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण National highways authority of India (NHAI) और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of road transport and highways) इस तैयारी में हैं कि डीपीआर (Detailed Project Report -DPR) को फाइनल अप्रूवल मिलने के तुरंत बाद इस महत्वपूर्ण एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य शुरू हो जाए। इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे (Gorakhpur Siliguri Greenfield Expressway) की डीपीआर भोपाल की एलएन मालवीय इंफ्रा प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (LN Malviya Infra Projects Private limited Bhopal) ने तैयार किया है।

पिलर गाड़ने का काम शुरू
यह एक्सप्रेसवे बिहार के सुपौल जिले से भी गुजरेगा। इस एक्सप्रेसवे रूट में पड़ने वाले सरायगढ़-भपटियाही क्षेत्र के सदानंदपुर में जमीन चिन्हित कर पिलर गाड़ने का कार्य शुरू कर दिया गया है। एक और एक्सप्रेस-वे के बन जाने से जिले और इलाके के विकास को पंख लग जायेंगे। क्षेत्र के लोग इस एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट को लेकर बेहद खुश हैं। उनका कहना है कि इससे न सिर्फ क्षेत्र का चतुर्दिक विकास होगा, बल्कि लोगों को आवागमन में भी सुविधा मिलेगी। फिलहाल यहां से गुजर रहे दो हाईवे की वजह से यातायात में काफी सहूलियत मिलती है।

साल 2025 तक तैयार हो जाएगा
लगभग 30000 करोड़ रुपए से तैयार होने वाले इस 6 लेन के ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के तैयार होने के बाद गोरखपुर जिले से वेस्ट बंगाल के सिलीगुड़ी तक का सफर सिर्फ 6 घंटे में तय किया जा सकेगा। इस महत्वपूर्ण एक्सप्रेस-वे का निर्माण भारतमाला योजना के तहत कराया जाएगा। यह करीब तीन साल में वर्ष 2025 तक बन कर तैयार हो जाएगा। इसके मुताबिक जनपद में आर्थिक गलियारा एवं इंटर कॉरिडोर तथा फोरलेन की सड़क निर्मित होगी। इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण, रखरखाव व प्रबंध परिचालन के लिए केंद्र सरकार नेशनल हाईवे एक्ट के तहत भूमि अधिग्रहित करेगी।

गोरखपुर सिलीगुड़ी का संभावित लाइन एलाइनमेंट

इन जिलों से गुजरेगा एक्सप्रेसवे
एक्सप्रेसवे की शुरुआत यूपी के गोरखपुर में प्रस्तावित रिंग रोड के जगदीशपुर से होगी। यहां से यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे देवरिया, कुशीनगर और बिहार के गोपालगंज, सीवान, छपरा, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, सहरसा, पूर्णिया, किशनगंज और मधेपुरा होते हुए पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी तक जाएगा।

पहले चरण का सर्वे कंप्लीट
गोरखपुर से कुशीनगर, देवरिया होते हुए सिलीगुड़ी तक प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे के पहले चरण का सर्वे पूरा कर लिया गया है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 2 अगस्त को सक्षम प्राधिकारी की नियुक्ति के लिए अधिसूचना जारी की थी। विकास के इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए गोरखपुर मंडल के 3 जिलों के 111 गांवों में जल्द जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी।

यूपी में इन तहसीलों के गांवों की जमीन जाएगी
520 किमी लंबे एक्सप्रेस-वे का 84 किमी हिस्सा गोरखपुर मंडल से होकर गुजरेगा। एक्सप्रेसवे तीन जिलों गोरखपुर, कुशीनगर और देवरिया के जिन 111 गांवों से गुजरेगा, उसमें गोरखपुर जनपद के चौरीचौरा तहसील के 14, कुशीनगर के हाटा तहसील के 19, कसया तहसील के 13 व तमकुहीराज तहसील के 42 और देवरिया जिले के सदर तहसील के 23 गांव शामिल हैं।

अधिग्रहित किया जाएगा
सीएम द्विवेदी परियोजना निदेशक एनएचएआई कार्यालय गोरखपुर ने बताया कि सक्षम प्राधिकारी की नियुक्ति के संबंध में अधिसूचना जारी की गई है। प्राथमिक सर्वे के बाद जिन गांवों में अधिग्रहण प्रस्तावित है, उसे चिन्हित कर लिया गया है। हालांकि इसमें परिवर्तन संभव है। एक्सप्रेस-वे की जरूरत को देखते हुए 60 से लेकर 100 मीटर चौड़ाई में जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा।

वाहनों का ज्यादा दबाव है
बताते चलें कि फिलहाल गोरखपुर से सिलीगुड़ी के लिए एनएच 27 पर सफर करना पड़ता है। लेकिन इस हाईवे पर वाहनों का अत्यधिक दबाव है। इस वजह से वाहन पूरी रफ्तार से नहीं चल पाते और इस यात्रा में 12-15 घंटे लग जाते हैं। अब सुपौल के रास्ते गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे बनने के बाद दूरी काफी घट जाएगी। इस दूरी को सिर्फ 6 घंटे में तय किया जा सकेगा।

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