Noida News : सेक्टर 62 स्थित आईएमएस-डीआईए में भारत में डिजाइन शिक्षा के भविष्य पर प्रिंसिपल कॉन्क्लेव का आयोजन हुआ। कार्यक्रम के दौरान शिक्षाविदों के साथ नई शिक्षा नीति के तहत उभरते रचनात्मक करियर ट्रेंड्स, उद्योगों की बदलती कौशल अपेक्षाएं तथा स्कूल स्तर पर डिजाइन-उन्मुख सोच विकसित करने में शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका पर चर्चा की गई। वहीं कार्यक्रम के दौरान बतौर मुख्य वक्ता आईएमएस नोएडा के महानिदेशक प्रोफेसर (डॉ.) विकास धवन ने अपने विचार प्रकट किए।
कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए आईएमएस-डीआईए के वाइस प्रसिडेंट चिराग गुप्ता ने कहा कि डिजाइन शिक्षा अब केवल एक करियर विकल्प नहीं, बल्कि भविष्य के कौशल, उद्योग की जरूरतों और छात्रों में नवाचार की सोच विकसित करने का महत्वपूर्ण माध्यम बन गई है। उन्होंने कहा कि डिजाइन शिक्षा युवाओं को बदलती दुनिया के अनुरूप तैयार करती है और उन्हें नए अवसरों से जोड़ने में अहम भूमिका निभाती है।
प्रोफेसर (डॉ.) विकास धवन ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि डिजाइन स्कूल, युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए, छात्रों एवं डिजाइन उद्योगों के बीच ज्ञान सेतु का काम करती है। उन्होंने कहा कि युवा पिढी को उभरते हुए करियर, नई शिक्षा नीति से अवगत कराने के लिए शिक्षाविदों में भी जागरूकता जरूरी है। कार्यक्रम के दौरान प्रो. धवन ने इमोशनल इंटेलिजेंस के माध्यम से उपस्थित सभी प्रतिभागियों को भावनाओं एवं कला के संबंधों को प्रतिबिंबित किया।
वहीं कार्यक्रम के अंत में आईएमएस-डीआईए के डीन प्रोफेसर (डॉ.) एमकेवी नायर ने बताया कि आज के कार्यक्रम में एयरफोर्स गोल्डन जुबली इंस्टीट्यूट, एमबीएस इंटरनेशनल स्कूल, सेंट फ्रॉएबेल सीनियर सेकेंडरी स्कूल के साथ दिल्ली एनसीआर के 47 से अधिक स्कूलों के प्रिंसिपल ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। वहीं प्रिंसिपल कॉन्क्लेव में प्रश्नों का उत्तर देते हुए चिराग गुप्ता, प्रो. विकास धवन एवं प्रो नायर ने जागरूकता के अभाव में डिजाइन छात्रों के चुनौतियों पर विचार प्रकट किए।