Deoria News : जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह (Jitendra Pratap Singh IAS Deoria) ने शुक्रवार को पथरदेवा ब्लॉक स्थित ग्राम पंचायत भैंसाडाबर में निराश्रित गौ-आश्रय स्थल का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण में कई गंभीर खामियां मिली, जिस पर कार्रवाई करते हुए डीएम ने बीडीओ को चार्जशीट देने तथा बीडीओ, पंचायत सचिव एवं तकनीकी सहायक (टीए) से रिकवरी करने का आदेश दिया है।
जिलाधिकारी शुक्रवार अपराह्न लगभग 1 बजे भैंसाडाबर पहुँचे। मौके पर चरी का निर्माण होता हुआ मिला। जिलाधिकारी ने जब परियोजना के संबन्ध में जानकारी मांगी तो उन्हें बीडीओ पथरदेवा अनिल कुमार सिंह ने बताया कि कार्य मनरेगा के तहत किया जा रहा।
इसके पश्चात डीएम ने एस्टिमेट, मास्टर रोल आदि मांगा। इस पर बीडीओ ने बताया कि योजना को अभी स्वीकृति नहीं मिली है, बिना एस्टिमेट के निर्माण कार्य किया जा रहा है। इस पर डीएम ने गहरी नाराजगी जतायी और नियम विरुद्ध कार्य करने पर बीडीओ तथा पंचायत सचिव राहुल को कड़ी फटकार लगाई।
बाद में जिलाधिकारी ने निर्माण कार्य की गुणवत्ता जाँची। डीएम ने एक ईंट थोड़ी ऊंचाई से दीवार की ईंट के ऊपर गिराई तो दीवार में प्रयुक्त ईंट कई टुकड़ों में बिखर गई। उन्होंने ईंट की गुणवत्ता पर भी गहरी नाराजगी व्यक्त की।
जिलाधिकारी ने कहा कि इसका उत्तरदायित्व तय करते हुए बीडीओ, पंचायत सेक्रेटरी तथा टीए के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी एवं उनसे रिकवरी भी की जाएगी। निरीक्षण के समय गौशाला में 27 गोवंश संरक्षित मिले। शीतलहर से बचाने के लिए तिरपाल का इंतजाम मिला। इस दौरान मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी अरविंद कुमार वैश्य, नायब तहसीलदार धर्मवीर सहित विभिन्न अधिकारी मौजूद थे।