Deoria News : जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह (Jitendra Pratap Singh DM Deoria) ने शनिवार को बरहज में सरयू नदी पर राजकीय सेतु निगम के निर्माणाधीन मोहन सेतु का निरीक्षण किया। लगभग 80 कर्मचारी काम करते हुए मिले। जिलाधिकारी ने परियोजना को मार्च 2023 तक पूर्ण करने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि मोहन सेतु क्षेत्रीय कनेक्टिविटी की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसका निर्माण पूर्ण होने से लोगों को काफी सहूलियत होगी। डीएम जेपी सिंह ने वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर पीपा का पुल नहीं बनने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी से स्पष्टीकरण तलब किया है।
डीएम ने कहा कि प्रतिवर्ष जनसुविधा की दृष्टि से 15 नवंबर के आसपास पीपा पुल से लोगों को आवागमन की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इस वर्ष अभी तक पीपा पुल नहीं बनने का उत्तरदायित्व तय कर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता से अविलंब पीपा पुल बनाने का निर्देश दिया।
95 करोड़ की स्वीकृति मिली थी
बताते चलें कि साल 2014 में तत्कालीन सपा सरकार ने सरयू (घाघरा) नदी पर देवरिया से मऊ, गाजीपुर और वाराणसी जनपदों को जोड़ने के लिए पुल निर्माण को स्वीकृति दी थी। इसका नाम पार्टी के दिग्गज नेता रहे मोहन सिंह के नाम पर रखा गया। इसके लिए शासन से कुल 95.57 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत हुई थी।
संशोधित बजट को मिली मंजूरी
लेकिन अनेकानेक वजहों से इस सेतु का निर्माण कार्य ठप हो गया। जैसे-जैसे विलंब होता गया, इसकी लागत बढ़ती गई। जून 2020 में सेतु निगम ने 161 करोड़ रुपए का रिवाइज्ड ऐस्टीमेट शासन को भेजा था। अब उत्तर प्रदेश सरकार ने इस रिवाइज एस्टीमेट को स्वीकृति दे दी है।
2014 में शुरू हुआ काम
बताते चलें कि 27 फरवरी 2014 को स्वीकृति मिलने के बाद पुल का निर्माण कार्य शुरू कराया गया। इस प्रोजेक्ट पर 9557.38 लाख की लागत का आकलन किया गया था। इस पुल को 39 खंभों पर करीब 1200.08 मीटर लंबा, 7.5 मीटर चौड़ा और 11.33 मीटर ऊंचा बनाया जाना है।