Deoria News : जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देवरिया के तत्वावधान में जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देवरिया की अध्यक्षता में निरूद्ध कैदियों की रिहाई के लिए जिला कारागार देवरिया में अण्डर ट्रॉयल रिव्यू कमेटी की बैठक आहूत की गयी।
इसमें जनपद न्यायाधीश, जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक शामिल हुए। इस बैठक में ऐसे निरूद्ध बंदी जो दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 436 (क) से आच्छादित हैं तथा पूर्ण सजा के सापेक्ष आधी सजा से अधिक अवधि व्यतीत कर चुके हैं, से संबंधित बंदियों के मामलों की सूची अधीक्षक जिला कारागार देवरिया भोला नाथ मिश्र ने प्रस्तुत की। इनकी रिहाई के संदर्भ में वार्ता की गयी, किन्तु उनके अन्य गंभीर मामले न्यायालय में विचाराधीन हैं या आजीवन कारावास से दंडित होकर सजा भुगत रहे हैं।
जनपद न्यायाधीश जेपी यादव ने निर्देशित किया कि जो भी बंदी निर्देशों के अनुरूप रिहाई की पात्रता के अन्तर्गत आते हैं, नियमानुसार उनके रिहाई की कार्रवाई की जाए। उन्होंने पाकशाला तथा बैरकों की स्वच्छता पर संतोष जताया तथा निरंतर स्वच्छता बनाये रखने के लिए निर्देशित किया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सूर्य कान्त धर दूबे ने बंदियों के लिए मीनू के अनुसार पौष्टिक आहार देने पर बल दिया।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देवरिया की सचिव इशरत परवीन फारुकी ने निर्देशित किया कि जिला करागार में निरूद्ध ऐसे बंदी जिनके मुकदमे की पैरवी करने के लिए कोई अधिवक्ता नहीं हैं, अधिवक्ता के लिए वो अपने प्रार्थना पत्र जिला कारागार देवरिया के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देवरिया में प्रेषित करें। जिससे उन्हें तत्काल अधिवक्ता की सुविधा उपलब्ध करायी जा सके। इस दौरान न्यायाधीश ने लक्ष्मीना पत्नी जितेन्द्र, सरस्वती पत्नी छांगुर इत्यादि की समस्याओं को सुना तथा कार्रवाई के लिए आवश्यक निर्देश दिए।
बैठक में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सूर्यकांत धर दुबे, जिला कारागार अधीक्षक भोला नाथ मिश्र, जेलर राजकुमार वर्मा, डिप्टी जेलर वंदना त्रिपाठी, जेल चिकित्सक हरिपाल विश्वकर्मा, जेल वार्डर बच्चूलाल, सपन कुमार व अन्य उपस्थित रहे।