गौरीबाजार ब्लॉक का बिगड़ा हाल : अपूर्ण फाइलें और बिखरे रिकॉर्ड, सीडीओ को मिली तमाम गड़बड़ी

Deoria News : मुख्य विकास रवींद्र कुमार (Ravindra Kumar CDO Deoria) ने विकास खण्ड गौरीबाजार का स्थलीय निरीक्षण किया। इसमें मुख्य विकास अधिकारी को तमाम गड़बड़ी मिली। इस पर उन्होंने संबंधित को कड़ी फटकार लगाई और जरूरी आदेश दिए।

ब्लॉक में लेखा से संबंधी पत्रावलियों का कार्य चन्दन कर रहे हैं। निरीक्षण के समय पाया गया कि इनके टेबल पर नेम प्लेट नहीं लगा है और न ही कार्य विभाजन पाया गया। शासनादेश की गार्ड फाइल बनाई गई है, परन्तु इण्डेक्स नीचे से ऊपर बनाया गया है। साथ ही शासनादेश अद्यतन नहीं है, जो कार्य में शिथिलता प्रदर्शित करता है। अलमीरा खोलकर देखने पर अन्दर पट्टी पर फाइलों का विवरण हाथ से लिखा गया था। सीडीओ ने इसे टाइप कराकर चस्पा करने के लिए निर्देशित किया। लेखाकार के दूसरे अलमीरा में क्या फाइल रखी गई है, न तो बाहर और न ही अन्दर अंकित किया गया है।     

प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में वित्तीय वर्ष 2021-22 की स्वीकृत पत्रावलियों पर सेक्टर प्रभारी, लेखाकार एवं खण्ड विकास अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं हैं। साथ ही कुछ पत्रावलियों पर ग्राम पंचायत अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं पाये गये, जो घोर आपत्तिजनक है। जन सूचना का एक ही पत्रावली बनाया गया है, जिसे अलग-अलग बनाये जाने के लिए निर्देशित किया गया। जब यह जानकारी चाही गयी कि पिछले 02 माह में कितने जन सूचना के प्रकरण पेंडिंग हैं, तो संबंधित कोई डेटा नहीं बता सके।

15वां वित्त से कराये गये कार्यों की पत्रावली का निरीक्षण किया गया, जिसमें प्रमुख के हस्ताक्षर नहीं पाये गये तथा तीन स्तर के फोटोग्राफ (कार्य के पूर्व कार्य करते समय कार्य समाप्त होने के बाद) नहीं पाया गया। पत्रावली में टेण्डर एवं समाचार में प्रकाशित टेण्डर की कटिंग किये जाने का अभिलेख संलग्न नहीं पाया गया। इसमें सभी पत्रावलियों अधूरी पाईं गईं। स्थापना संबंधित कार्यों का निर्वहन कर रहे कृपा शंकर मिश्र के कार्यों के निरीक्षण में पाया गया कि शासनादेश की गार्ड फाइल बनाई गई है, परन्तु इण्डेक्स नीचे से ऊपर बनाया गया है। साथ ही शासनादेश अद्यतन नहीं है, जो कार्य में शिथिलता प्रदर्शित करता है।

सीडीओ ने एनआरएलएम के कर्मचारियों की उपस्थिति पंजिका का निरीक्षण किया। उन्होंने पाया कि विगत 14 दिनों में खण्ड विकास अधिकारी ने इसे नहीं देखा है। मनरेगा कर्मचारियों की उपस्थिति पंजिका के संबंध में खण्ड विकास अधिकारी को निर्देशित किया गया कि विगत 01 अप्रैल, 2022 से अब तक कितने कर्मचारी अनुपस्थित पाये गये हैं, उनके वेतन कटौती का कर्मचारीवार, तिथि एवं महीनावार आख्या प्रेषित करें।

विकास खण्ड पर खण्ड विकास अधिकारी के 10.00 से 12.00 बजे तक जनता दर्शन के पंजिका के अवलोकन में अब तक 52 आवेदन पाये गये हैं, जिनका निस्तारण किया गया है अथवा नहीं रजिस्टर के देखने से स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। आकस्मिक अवकाश पंजिका में संजय त्रिपाठी, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी (मनरेगा) का एक भी दिन अवकाश नहीं अंकित है, जबकि विभिन्न बैठकों में खण्ड विकास अधिकारी ने बताया है कि यह अवकाश पर हैं तथा स्वयं संजय त्रिपाठी ने कई बार अवकाश पर होना बताया है। इससे प्रतीत होता है कि संबंधित पटल सहायक अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं कर रहे हैं।

गवन पंजिका नहीं बनायी गयी है, जो लापरवाही है और खण्ड विकास अधिकारी द्वारा भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। विकास खण्ड की साप्ताहिक बैठक का एजेण्डा जारी नहीं किया जा रहा है। सीडीओ ने अगली बैठक के लिए विस्तृत एजेण्डा जारी करने के लिए निर्देशित किया। मनरेगा सेल में आलोक कुमार मिश्र, लेखाकार (मनरेगा) के निरीक्षण में पाया गया कि न तो आलमीरा के बाहर और न ही अन्दर रखे गये अभिलेखों का विवरण चस्पा किया गया है।

मनरेगा के अन्तर्गत भुगतान किये गये 08 पत्रावलियों का अवलोकन में पाया गया कि समस्त पत्रावलियों पर किसी का भी हस्ताक्षर नहीं है। साथ ही एमबी बुक में जेई का हस्ताक्षर है, परन्तु खण्ड विकास अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं है। कुछ पत्रावलियों में फोटो तीनों स्तर का नहीं लगाया गया है। इस वित्तीय वर्ष में मटेरियल अंश में 30 फाइलों का भुगतान किया गया है परन्तु उनका विवरण ऑनलाइन प्राप्त नहीं है। विकास खण्ड में सामुदायिक शौचालय नहीं है, यह अत्यंत ही खेदजनक है। खण्ड विकास अधिकारी को निर्देशित किया गया कि इस विकास खण्ड में एक सामुदायिक शौचालय बनवाया जाए।

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