Deoria News : एड्स नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत जनपद स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन सीएमओ कार्यालय के धन्वन्तरि सभागार में बीते दिनों जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में किया गया।
जिलाधिकारी ने कहा कि एड्स से बचाव के लिए सबसे कारगर कदम एड्स रोग के प्रति जागरूकता एवं जानकारी ही है। उन्होंने कहा कि एचआईवी पॉजिटिव गर्भवती के बच्चे को एड्स के संक्रमण से बचाया जा सकता है। इसके लिए अधिक से अधिक गर्भवतियों की एचआईवी जांच कराई जाए, जिससे समय रहते संक्रमणरोधी चिकित्सा की जा सके। समाज में फैले एचआईवी पॉजिटिव लोगों के प्रति सामाजिक भेदभाव को दूर करने के लिए अधिक से अधिक प्रचार-प्रचार किया जाए। पॉजिटिव व्यक्तियों को सरकारी सुविधाओं का लाभ दिया जाए।
जिलाधिकारी ने एसीएमओ डॉ एसके चौधरी की अध्यक्षता में एड्स वेलफेयर कमेटी का गठन करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जनपद में 5,933 एचआईवी संक्रमित व्यक्ति हैं। इन व्यक्तियों के पुनर्वास एवं गरिमामयी जीवन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए विशेष पहल की आवश्यकता है। एड्स वेलफेयर कमेटी का यह दायित्व होगा कि वह समस्त संक्रमित व्यक्तियों से संवाद कर उनकी समस्याओं का समाधान करे। जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद देवरिया, आजमगढ़, जौनपुर, मऊ व प्रयागराज के साथ एड्स की दृष्टि से संवेदनशील जिलों की श्रेणी में आता है। अतः जनपद में विशेष एहतियात बरतने की आवश्यकता है।
सीडीओ रवींद्र कुमार ने कहा कि असुरक्षित सम्बन्ध बनाने, संक्रमित खून के चढ़ाने से, एक ही सूई से नशे के इंजेक्शन लेने से एवं संक्रमित मां से बच्चे में आने से फैलता है। एड्स रोग छूने से, गले लगाने से, रोगी के कपड़े पहनने से, रोगी की समस्त वस्तुएं इस्तेमाल करने से, संयुक्त शौचालय इस्तेमाल करने से, टेलीफोन प्रयोग करने से तथा मच्छर के काटने से नहीं फैलता है।
सीएमओ डॉ. राजेश झा (CMO Deoria Dr Rajesh Jha) ने सभी को एड्स रोग के लक्षण तथा उनसे बचाव की जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि एचआईवी का कोई उपचार नहीं है। लेकिन एंटी- रेट्रोवायरल थेरेपी एआरटी (ART) कहलाने वाली दवाइयां जरूर उपलब्ध है। ये दवाइयां व्यक्ति की प्रतिरोधक प्रणाली (इम्यून सिस्टम) को मजबूत रखने में सहायता करती हैं। इस तरह रोगी बीमारी से लड़ना जारी रख सकते हैं और एड्स की शुरूआत को टाल सकते हैं। जिला चिकित्सालय में एआरटी सेंटर खुला हुआ है, जिसमें संबंधित रोगियों को इससे संबंधित दवाएं भी प्रदान करायी जा रही है।
कार्यशाला में एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ एसके चौधरी, एसीएमओ डॉ. अनिल पाण्डेय, डीपीओ कृष्णकांत राय, स्टेट ट्रेनर प्रेम प्रकाश शुक्ला, डीसीपीएम राजेश गुप्ता, एड्स कार्यक्रम प्रबंधक उपेन्द्र दत्त तिवारी, सीफार के जिला समन्यवक नीरज ओझा, चंद्रप्रकाश त्रिपाठी,बृजेश तिवारी, अफजल हुसैन खान, रमेश यादव, स्नेहलता, नुरुलम, संगीता गुप्ता, श्रवण कुमार, राजेश कुमार पाठक, पिंकी मिश्रा सहित विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि, स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी स्टेट ट्रेनर, विभिन्न एनजीओ आदि उपस्थित रहे।