पार्ट टाइम प्रधानाचार्य चला रहे लीलापुर आईटीआई : तीन चौथाई छात्र मिले अनुपस्थित, CDO ने कार्रवाई का दिया आदेश

Deoria News : मुख्य विकास अधिकारी रवींद्र कुमार ने राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान लीलापुर (Government Industrial Training Institute Leelapur – ITI Leelapur) विकास खण्ड बैतालपुर का आकस्मिक निरीक्षण किया।

निरीक्षण के समय शनिवार को स्टाफ ने बताया गया कि इस आईटीआई के प्रधानाचार्य का अतिरिक्त प्रभार आईटीआई देवरिया (Government ITI Deoria) के प्रधानाचार्य के पास है। जब यह जानकारी चाही गयी कि प्रधानाचार्य इस विद्यालय पर कब-कब आते हैं, तो स्टाफ ने बताया गया कि उनके आने का कोई दिन निर्धारित नहीं है। मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि यह स्थिति अत्यंत ही खेदजनक है। उन्होंने निर्देशित किया कि इस आईटीआई पर बैठने का दिन निश्चित कर अवगत करायें।

निरीक्षण के समय पाया गया कि इस औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में विभिन्न ट्रेडों में प्रथम वर्ष के लिए कुल 175 छात्र पंजीकृत हैं, जिसके सापेक्ष मात्र 46 छात्र उपस्थित थे। इसी तरह द्वितीय वर्ष में विभिन्न ट्रेडों में 48 छात्र पंजीकृत हैं। जिसमें से एक भी छात्र उपस्थित नहीं पाये गये। उन्होंने कहा कि यह स्थिति अत्यंत ही खेदजनक है। इससे परिलक्षित होता है कि इस औद्योगिक संस्थान के प्रधानाचार्य एवं अन्य स्टाफ लापरवाही बरत रहे हैं।

प्रधानाचार्य आईटीआई को निर्देशित किया गया कि उपरोक्त के लिए दोषी अधीनस्थों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्रवाई करते हुए 02 दिन के अन्दर अवगत करायें। साथ ही इस संबंध में अपना भी स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें कि क्यों न इस लापरवाही के लिए आपके विरूद्ध कार्रवाई के लिए शासन को अवगत कराया जाए?

इस विद्यालय में 01 कार्यशाला, 01 थ्योरी कक्ष, 10 लैब कक्षों का निर्माण कराया जाना है। कार्यदायी संस्था यूपी प्रोजेक्ट कारपोरेशन लिमिटेड निर्माण इकाई-29 गोरखपुर (UP Projects Corporation Gorakhpur Unit) है। इस कार्य की लागत रू० 2.4672 करोड़ है, जिसकी स्वीकृति 26 मार्च 2020 को प्राप्त है। परियोजना पूर्ण होने का दिनांक 31 दिसंबर 2022 है।

इस परियोजना पर अवमुक्त धनराशि रू0 1.90000 करोड़ है। निरीक्षण के समय भूतल, प्रथम तल व द्वितीय तल में प्लास्टर का कार्य पूर्ण पाया गया। अन्य फिनिशिंग का कार्य प्रगति पर पाया गया। निरीक्षण के समय इस परियोजना पर 104 मजदूर बाहरी दीवार की चिनाई कर रहे थे। इतने कम मजदूर कार्य पर लगे होने से यह प्रतीत होता है कि निर्धारित समय सीमा के अन्दर कार्य पूर्ण होने की सम्भावना कम है।

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