देवरिया के मनमाने अफसर : सरकार ने दिया 8 कमरों का डिजाइन लेकिन रेत और बालू के बनाए सिर्फ 4 कमरे, लिया पूरा भुगतान

Deoria News : देवरिया के जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह (DM Jitendra Pratap Singh IAS) की जांच वाली कार्यशैली से जनपद के मनमाने और बेखौफ अफसरों के कारनामे सामने आए हैं। जिम्मेदार अफसरों और कर्मचारियों ने शासकीय धन की बंदरबांट के लिए भारत सरकार और राज्य सरकार के मानकों की खुलकर अवहेलना की।

भवन निर्माण में घटिया सामग्री इस्तेमाल कर नींव और दीवारों को कमजोर बनाया। यहां तक कि सरकार से स्वीकृत डिजाइन से भी छेड़छाड़ की और अपने हिसाब से भवन निर्माण कराया। डीएम ने ऐसे सभी अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ एक्शन लेने का आदेश दिया। उन्होंने जांच समिति गठित की और रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जा रही है।

गुणवत्ता की वास्तविकता परखी

जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने इसी महीने 3 जून, 2022 को बैतालपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत तेंदुही में राष्ट्रीय ग्राम स्वरोजगार योजना के तहत बनाई जा रही पंचायत भवन, सचिवालय, सामुदायिक शौचालय और आंगनवाड़ी भवन का औचक निरीक्षण कर निर्माण कार्य की गुणवत्ता की वास्तविकता परखी।

सिर्फ 4 कमरे बनवाए

जांच में जिलाधिकारी ने पाया कि यहां हर भवन के निर्माण में बड़े स्तर पर अनियमितता बरती गई है। जिम्मेदारों ने सरकार से स्वीकृत 8 कमरों के डिजाइन के सापेक्ष तीन कमरे और एक हॉल बनाकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली। जबकि सरकार से 8 कमरों के लिए फंड जारी हुआ था और अफसरों ने पूरे फंड का उपयोग किया।

जांच समिति गठित की

जिलाधिकारी की जांच में 3 लाख 25 हजार की लागत से बने सामुदायिक शौचालय की स्थिति भी ठीक नहीं मिली। शौचालयों में फाटक तक नहीं लगाये गये थे। डीएम ने इस पर काफी नाराजगी जतायी। आंगनवाडी केन्द्र के निरीक्षण में उन्होंने पाया कि मात्र 2 वर्ष पूर्व बनी इस भवन की स्थिति ठीक नहीं है। टाइल्स आदि भी टूटे हुए मिले। जिलाधिकारी ने बीडीओ, सहायक अभियंता पीडब्ल्यूडी एवं सहायक अभियंता आरईएस की टीम गठित कर इसकी तकनीकी जांच करा कर रिपोर्ट मांगी।

घटिया सामग्री का इस्तेमाल हुआ

जांच समिति ने पाया कि भवन के बाहर किए गए प्लास्टर उखड़े थे। जिससे स्पष्ट होता है कि मानक के अनुरूप सामग्री का प्रयोग नहीं किया गया है। मेजरमेंट बुक में उल्लिखित खिड़कियों की मोटाई और मौके पर मिली खिड़की की मोटाई में भी अंतर पाया गया है। भवन के अंदर एवं बाहर बरामदे में लगाई गई टाइल्स भी मानक विट्रिफाइड फ्लोर टाइल्स के आधार पर नहीं लगाई गई।

मसाले में हुआ खेल

टाइल्स के नीचे केवल 6 सेमी थिकनेस में ड्राई ब्रिक ब्लास्ट डालकर ऊपर से 5 सेमी की सैंड फिलिंग की गई है। 1:4 के स्थान पर 1:6 का मसाला बनाकर जुड़ाई का कार्य किया गया है। इस प्रकार वास्तविक उपयोग की गई मात्रा से अधिक दर्शाते हुए सीमेंट का भुगतान किया गया है। परियोजना के संबन्ध में क्रय की गई सामग्री का बीजक प्रस्तुत न करने पर भी जांच समिति ने आपत्ति व्यक्त की है।

रिपोर्ट के आधार पर हुआ एक्शन

जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने तेंदुही ग्राम पंचायत में मानक विरुद्ध एवं अत्यंत घटिया गुणवत्ता का आंगनबाड़ी भवन बनाने तथा एस्टीमेट के प्रावधानों की अनदेखी करने का उत्तरदायित्व तय करते हुए ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अवर अभियंता जितेंद्र पाल के विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की संस्तुति की है। साथ ही ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अधिशासी अभियंता को परियोजना के ठेकेदार/सप्लायर राजेश कुमार सिंह को ब्लैक लिस्ट करते हुए विधिक कार्रवाई करने का आदेश दिया है।

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