-जिलाधिकारी ने किया उसरा में निर्माणाधीन सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का औचक निरीक्षण
-प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन में लापवरवाही पर जतायी गहरी नाराज़गी
-स्थल चयन की उपादेयता की होगी जाँच
-एडीएम प्रशासन की अध्यक्षता में चार सदस्यीय कमेटी का गठन
-घटिया गुणवत्ता के निर्माण पर लगाई फटकार, ठेकेदार को कुल देयता की 15% कटौती का निर्देश
-कार्यदायी संस्था सीएनडीएस करा रही है निर्माण
-75 टीपीडी क्षमता का है निर्माणाधीन प्लांट
Deoria News : जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह (DM Jitendra Pratap Singh IAS) ने बुधवार को उसरा में निर्माणाधीन सॉलि़ड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कई गंभीर खामियां मिली, जिस पर जिलाधिकारी ने गहरी नाराज़गी जतायी। उन्होंने कहा कि जनपद में व्यापक लोकहित में चल रही शासन की विभिन्न निर्माण परियोजनाओं को मूल भावना के साथ पूरी पारदर्शिता एवं गुणवत्ता के साथ पूर्ण किया जाए।
जिलाधिकारी आज उसरा स्थित सॉलि़ड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट का निरीक्षण करने पहुंचे। 1.59 हेक्टेयर में 75 टीपीडी क्षमता के सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का निर्माण नगर पालिका परिषद देवरिया द्वारा कार्य साढ़े सात करोड़ रुपये की लागत से कराया जा रहा है। इस परियोजना में वेब ब्रिज, प्लेटफार्म, कवर्ड कंपोस्ट शेड आदि का निर्माण कार्य चल रहा है।
15% की कटौती करने का निर्देश दिया
जिलाधिकारी ने निर्माण कार्य में प्रयुक्त ईंटों की गुणवत्ता एवं जुड़ाई में प्रयुक्त बालू सीमेंट के मसाले के अनुपात को मानक के अनुरूप नहीं पाया। इस पर उन्होंने सीएनडीएस के सहायक अभियंता एके सिंह को ठेकेदार की देयता में से 15% की कटौती करने का निर्देश दिया। खराब वर्कमेनशिप एवं पर्यवेक्षण के लिए उन्होंने सीएनडीएस के अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि परियोजना की गुणवत्ता से किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा। इस दौरान अपर जिलाधिकारी प्रशासन कुँवर पंकज, ईओ नगर पालिका रोहित सिंह सहित कई अधिकारी मौजूद थे।
परियोजना के भूमि चयन की जांच एडीएम प्रशासन को सौंपी
जिलाधिकारी ने इस परियोजना के लिए भूमि चयन पर कई सवाल पूछे, जिनका संतोषजनक उत्तर नहीं मिलने पर उन्होंने एडीएम प्रशासन की अध्यक्षता में एक जांच समिति का गठन किया है। इस समिति में एसडीएम ध्रुव शुक्ला, ईओ रोहित सिंह और अधिशासी अभियंता सिंचाई दुर्गेश गर्ग सदस्य होंगे।
22 जुलाई तक मांगी रिपोर्ट
जिलाधिकारी ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के लिए वर्ष 2018 में 2 करोड़ 41 लाख रुपये की भूमि का क्रय किया गया। शहर से इसकी दूरी 13 किलोमीटर की है। मुख्य मार्ग से सॉलिड वेस्ट प्लांट तक पहुंचने के लिए सड़क बनाने के लिए भी जमीन का क्रय करना होगा, जिसकी लागत का बोझ भी नगर पालिका को उठाना होगा।
भूमि चयन में लापरवाही बरती गई
डीएम ने कहा कि भूमि चयन में प्रथम दृष्टया लापरवाही परिलक्षित हो रही है। भूमि चयन की वजह से परियोजना की कुल लागत अंतिम रूप से काफी बढ़ गई है। उन्होंने जांच समिति को 22 जुलाई तक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।