BIG NEWS : देवरिया में अवैध प्लाटिंग हुई तो नपेंगे लेखपाल, इन साइज के आवासों को मिलेगी छूट, पढ़ें और क्या बदला

-जिलाधिकारी की अध्यक्षता में नियंत्रक प्राधिकारी विनियोजित क्षेत्र की बोर्ड बैठक का हुआ आयोजन

-अवैध प्लाटिंग पर कसेगी लगाम, लेखपाल होंगे उत्तरदायी, डीएम ने दिए निर्देश

-अवैध प्लाटिंग के विरुद्ध विगत तीन वर्ष में की गई कार्रवाइयों का मांगा ब्यौरा

Deoria news : जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह (Jitendra Pratap Singh IAS Deoria) की अध्यक्षता में नियंत्रक प्राधिकारी विनियमित क्षेत्र देवरिया की बोर्ड बैठक का आयोजन कलेक्ट्रेट सभागार में हुआ।

जिलाधिकारी ने विनियमित क्षेत्र के अंतर्गत बिना किसी स्वीकृति के प्लाट बेचने वालों के विरुद्ध अभियान चलाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि विनियमित क्षेत्र की सीमा के अंतर्गत कुछ कॉलोनाइजर्स और भूमि विकासकर्ता बिना कोई योजना स्वीकृत कराये मानक विहीन भूखंडों का छोटे-छोटे टुकड़ों में विक्रय कर रहे हैं।

समस्याएं झेलनी पड़ती हैं

इनके अवैध प्लाटिंग में नाली-सड़क जैसी बुनियादी नागरिक सुविधाओं के मानकों को पूरा नहीं करने की शिकायतें मिल रही है, जिसकी वजह से इन अवैध प्लाटों को खरीदने वाले लोगों को लंबे समय तक बुनियादी सुविधाओं के लिए जूझना पड़ता है। इन बेतरतीब एवं अवैध प्लाटिंग से कई समस्याएं खड़ी हो रही हैं।

लेखपालों का उत्तरदायित्व तय किया जाएगा

डीएम ने विनियमित क्षेत्र में अवैध प्लाटिंग के विरुद्ध व्यापक अभियान चलाने का निर्देश दिया और कहा कि अवैध प्लाटिंग के लिए लेखपालों का उत्तरदायित्व तय किया जाएगा। साथ ही विगत तीन वर्षों में इस तरह की अवैध प्लाटिंग पर अंकुश लगाने के लिए की गई कार्रवाइयों का ब्यौरा भी मांगा।

रूफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली अनिवार्य है

जिलाधिकारी ने बताया कि विनियमित क्षेत्र के अंतर्गत 300 वर्ग मीटर व उससे अधिक क्षेत्रफल के भूखंडों पर निर्मित होने वाले निजी भवनों पर रूफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली अनिवार्य है। उन्होंने 300 वर्ग मीटर व इससे अधिक क्षेत्रफल वाले समस्त निजी भवनों के स्वामियों से रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए प्रणाली स्थापित करने का अनुरोध किया। साथ ही एसडीएम सदर को उपर्युक्त सीमा के अंतर्गत आने वाले भवनों की सूची भी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।

टीम गठित होगी

जिलाधिकारी ने विनियमित क्षेत्र में विकास शुल्क की दर पुनरीक्षित करने के लिए एक समिति का गठन करने का निर्देश दिया है। समिति में एसडीएम सदर, लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता, नगर नियोजक एवं वित्तीय मामलों के जानकार शमिल होंगे।

2 महीने में देगी रिपोर्ट

यह समिति समस्त हितधारकों से संवाद कर दो माह के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। वर्तमान में विनियमित क्षेत्र के अंतर्गत आवासीय भवन निर्माण के लिए 2 रुपये प्रति वर्ग फुट एवं गैर आवासीय निर्माण के लिए 4 रुपये प्रति वर्ग फुट की दर से विकास शुल्क लिया जाता है।

नक्शा पास कराने से मिलेगी छूट

जिलाधिकारी ने 100 वर्ग मीटर से कम भूखंड पर बनने वाले आवासों को नक्शा स्वीकृत कराने से छूट देने के संबन्ध में प्रस्ताव आगामी बैठक में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सुसंगत शासनादेशों के तहत 100 वर्गमीटर से कम क्षेत्रफल पर बनने वाले आवासों का नक्शा पास कराने से छूट प्रदान की हुई है। शीघ्र ही विनियोजित क्षेत्र में इसे लागू कराया जाएगा।

ये हुए शामिल

बैठक में नगर पालिका की अध्यक्ष अलका सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष गिरीश चंद तिवारी, एसडीएम सदर सौरभ सिंह, अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी आरके सिंह सहित विभिन्न अधिकारी मौजूद थे।

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