Deoria News : जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन (DM Ashutosh Niranjan IAS) ने सोमवार को जनपद में गेहूं खरीद की जमीनी हकीकत का जायजा लिया। उन्होंने बीते दिन तीन गेहूं क्रय केंद्रों का औचक निरीक्षण किया। कम पंजीकरण होने पर सेखौना के केंद्र प्रभारी को चेतावनी दी और उन्हें जिम्मेदारी से काम करने के लिए कहा।
दरअसल उत्तर प्रदेश में 1 अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने गेहूं खरीद में पारदर्शिता और किसानों को हर सुविधा उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी जिलाधिकारियों को सौंपी है। इसी सिलसिले में डीएम ने बीते दिन किसान सेवा सहकारी समिति लिमिटेड, सेखौना, सहकारी संघ बलियवां और राजकीय गेहूं क्रय केंद्र देवरिया का जायजा लिया था।
केंद्र प्रभारी को लगाई फटकार
डीएम ने स्टॉक रजिस्टर, निरीक्षण पंजिका, बोरा रजिस्टर और रिजेक्शन पंजिका को लेकर नाराजगी जाहिर की। साथ ही जिलाधिकारी ने कम पंजीकरण होने पर किसान सेवा सहकारी समिति लिमिटेड सेखौना के क्रय केंद्र प्रभारी अवधेश यादव को चेतावनी दी। डीएम ने कहा कि पिछले साल गेहूं खरीद का पंजीकरण कराने वाले किसानों से टेलीकॉलिंग के जरिए संपर्क स्थापित किया जाए। उन्हें वर्ष 2022-23 के लिए पंजीकरण कराने की प्रक्रिया बताई जाए।
136 केंद्र बने हैं
डीएम के निरीक्षण के दौरान सभी केंद्रों पर दो इलेक्ट्रॉनिक कांटा, विनोइंग मशीन, नमी मापक यंत्र, छलना और पावर डस्टर जैसी जरूरत के उपकरण और सामान मौजूद मिले। जिलाधिकारी कार्यालय से मिली सूचना के मुताबिक जनपद में न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के अंतर्गत कुल 136 गेहूं क्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं। राज्य सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य ₹2015 प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। यूपी में इस साल 15 जून तक गेहूं की खरीद की जाएगी।