Deoria News : सोमवार, 4 जुलाई 2022 को स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) की 120वीं पुण्यतिथि के अवसर पर भारत विकास परिषद, देवरिया शाखा के सदस्यों ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया। शुरुआत में भारत माता की छवि पर माल्यार्पण किया गया। उसके बाद स्वामी विवेकानंद को पुष्प अर्पित कर दीप प्रज्वलन किया गया।
चित्त को संतोष नहीं मिला
कार्यक्रम में अध्यक्ष नितिन बरनवाल ने बताया कि स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी सन् 1863 को हुआ। उनका घर का नाम नरेंद्र दत्त था। उनके पिता विश्वनाथ दत्त पाश्चात्य सभ्यता में विश्वास रखते थे। वे अपने पुत्र नरेंद्र को भी अंग्रेजी पढ़ाकर पाश्चात्य सभ्यता के ढंग पर ही चलाना चाहते थे। नरेंद्र की बुद्धि बचपन से बड़ी तीव्र थी और परमात्मा को पाने की लालसा भी प्रबल थी। इस लिए वे पहले ब्रह्म समाज में गए, किंतु वहां उनके चित्त को संतोष नहीं हुआ।
अतिथि प्रेमी थे
सन् 1884 में विश्वनाथ दत्त की मृत्यु हो गई। घर का भार नरेंद्र पर पड़ा। घर की दशा बहुत खराब थी। कुशल यही थी कि नरेंद्र का विवाह नहीं हुआ था। अत्यंत गरीबी में भी नरेंद्र बड़े अतिथि-सेवी थे। स्वयं भूखे रहकर अतिथि को भोजन कराते, स्वयं बाहर वर्षा में रात भर भीगते-ठिठुरते पड़े रहते और अतिथि को अपने बिस्तर पर सुला देते। ऐसे महापुरुष स्वामी विवेकानंद थे।
ये रहे मौजूद
कार्यक्रम में वपुन बरनवाल, नवनीत अग्रवाल, आशीष कानोडिया, अमित बरनवाल, गौरव गोयल, योगी अरोरा अतुल बरनवाल और मुरली सिंह आदि मौजूद रहे।