Chamoli (Uttrakhand) : बद्रीनाथ धाम (Badrinath Dham) के कपाट आज रविवार, 8 मई की सुबह विधि-विधान से पूजा-पाठ और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ खोले गए। भारी संख्या में श्रद्धालु इस खास मौके पर मंदिर पहुंचे थे। इसके लिए तैयारी कर ली गई है। आज उद्घाटन समारोह से पहले शनिवार को पुलिस के आला अधिकारियों ने ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को अतिरिक्त सावधानी बरतने के निर्देश दिए थे।
बद्रीनाथ मंदिर को फूलों और लाइटों से सजाया गया है। अलकनंदा नदी के किनारे चमोली जिले में गढ़वाल पहाड़ी ट्रैक में स्थित बद्रीनाथ मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। यह मंदिर चार प्राचीन तीर्थ स्थलों में से एक है, जिसे ‘चार धाम’ कहा जाता है। जिसमें यमुनोत्री, गंगोत्री और केदारनाथ भी शामिल हैं।
6 महीने के लिए खुलता है
यह उत्तराखंड के बद्रीनाथ शहर में स्थित है। यह हर साल 6 महीने (अप्रैल के अंत और नवंबर की शुरुआत के बीच) के लिए खुला रहता है। इससे पहले केदारनाथ मंदिर के कपाट शुक्रवार, 6 मई की सुबह श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए।
3 मई से शुरू हुई चार धाम यात्रा
वार्षिक चारधाम यात्रा 3 मई को अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट खुलने के साथ शुरू हुई। बद्रीनाथ मंदिर के कपाट आज, 8 मई को खोले गए।
संख्या सीमित कर दी गई है
इस महीने की शुरुआत में, उत्तराखंड राज्य सरकार ने चार धाम की यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या को सीमित कर दिया था। बद्रीनाथ में प्रतिदिन कुल 15,000, केदारनाथ में 12,000, गंगोत्री में 7,000 और यमुनोत्री में 4,000 तीर्थयात्रियों को अनुमति दी जाएगी। यह व्यवस्था 45 दिनों के लिए की गई है।
कोविड टेस्ट जरूरी नहीं
इस वर्ष, तीर्थयात्रियों के लिए नेगेटिव COVID-19 परीक्षण रिपोर्ट या टीकाकरण प्रमाण पत्र ले जाना अनिवार्य नहीं है। चार धाम में हर साल देश-विदेश से लाखों पर्यटक और श्रद्धालु आते हैं।