वर्ष 2022-23 का बजट प्रदेश के सर्व-समावेशी एवं समग्र विकास के लिए है : सीएम योगी

Uttar Pradesh : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा कि राज्य का वर्ष 2022-23 का बजट प्रदेश के सर्व-समावेशी एवं समग्र विकास के लिए है। यह राज्य के उज्ज्वल भविष्य की रूपरेखा भी तैयार करेगा। उन्होंने कहा कि यह बजट प्रदेश की 25 करोड़ जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप प्रदेश के समग्र विकास, गांव, गरीब, किसान, नौजवान, महिलाओं, श्रमिक और समाज के सभी वर्गाें के उत्थान का माध्यम बनेगा।

मुख्यमंत्री मंगलवार को विधान सभा में वर्ष 2022-23 के बजट पर चर्चा में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 26 मई, 2022 को वित्त मंत्री के प्रस्तुत बजट पर नेता प्रतिपक्ष सहित 124 सदस्यों ने अपने अमूल्य विचारों को रखा है। सत्ता पक्ष के 77 और विपक्ष के 49 सदस्यों ने अपने महत्वपूर्ण सुझावों के माध्यम से प्रदेश के विकास के लिए मिलकर काम करने के सम्बन्ध में चर्चा की और सुझाव दिए। कई वर्षों के बाद सदन में इतनी गंभीर चर्चा हुई है। इससे आमजन के मन में सदन की गरिमा और लोकतंत्र तथा जनप्रतिनिधियों के प्रति विश्वास बढ़ेगा।

6 हजार रुपए मिल रहे

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास होगा को सदस्यों की भावनाओं के अनुरूप नीतियों को लागू किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) के अन्नदाता किसानों को पीएम किसान योजना अंतर्गत 11वीं किस्त भेजने के एक कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। इस योजना के माध्यम से प्रदेश के 2.55 करोड़ किसान लाभान्वित हुए। इस योजना में किसानों प्रतिवर्ष 06 हजार रुपये की धनराशि उपलब्ध करायी जा रही है।

संवाद किया

उन्होंने कहा कि इस दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास, स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय, सौभाग्य योजना के तहत निःशुल्क बिजली कनेक्शन, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन, आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से गरीब परिवारों को 05 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा कवर प्राप्त करने वाले लाभार्थियों से संवाद स्थापित किया गया।

अन्त्योदय की भावना से प्रेरित हैं

सीएम योगी ने आगे कहा, “नेता प्रतिपक्ष कह रहे थे कि इन जनकल्याणकारी योजनाओं का संचालन समाजवाद है। नेता प्रतिपक्ष ने समाजवाद के बहाने प्रधानमंत्री के प्रयासों को स्वीकार किया जाना अच्छा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार की संचालित जनकल्याणकारी योजनाएं पं0 दीनदयाल उपाध्याय की अन्त्योदय की भावना से प्रेरित हैं। पण्डित जी कहा करते थे कि समाज की आर्थिक प्रगति की माप समाज की ऊपर की सीढ़ी पर पहुंचे व्यक्तियों से नहीं, बल्कि समाज के सबसे नीचे पायदान के व्यक्ति से होगा। ऐसे व्यक्ति के जीवन में सुधार करने की दिशा में ही स्वावलम्बन और आत्मनिर्भर भारत के प्रक्रिया के कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। यह समाज के हर गरीब व्यक्ति को सशक्त बनाने और उनके उन्नयन का प्रयास है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में हम सभी विगत 08 वर्षाें में एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना को साकार होते हुए देख पा रहे हैं।

समाधान पर ध्यान दें

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश आज एक नई दिशा की ओर बढ़ रहा है। भारतीय संस्कृति की संकल्पना है कि ‘शब्द ब्रह्म’ है। हम जो बोलते हैं, वह नष्ट नहीं होता। सदन में जो कुछ भी कहा गया है, वह यहां की कार्यवृत्त का हिस्सा होगा। इसलिए हमें सोच समझकर बोलना चाहिए। जिससे सदन में कहा गया हर एक शब्द वर्तमान और भावी पीढ़ी की मार्गदर्शिका के रूप में काम आ सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जो हो रहा है, वह हमने ही नहीं किया है। कोई भी दल जब सत्ता में रहा है, तो कुछ नया करने का प्रयास किया है। लेकिन परिणाम वही ला सकता है, जो समस्या पर कम और समाधान पर ज्यादा ध्यान देता है।

समय को उत्तम बनाना पड़ता है

सीएम ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान इससे मुकाबला करने के लिए राज्य सरकार ने तैयारी की। लोग आशंकित थे कि कमजोर हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर का उत्तर प्रदेश इस महामारी से कैसे बचेगा। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार कोरोना संक्रमण का सामना करने के लिए मजबूती से खड़ी हुई, तो कोरोना को भागना पड़ा। सरकार की मंशा सही हो तो परिणाम प्राप्त होता है। समस्या के बारे में सोचने पर दस बहाने मिल जाते हैं। समाधान के विषय में सोचने पर दस रास्ते मिलते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तम समय कभी नहीं आता। समय को उत्तम बनाना पड़ता है।

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