BREAKING : यूपी के लाखों किसानों को इसी महीने मिलेगा मुआवजा, डीएम शुक्रवार को भेजेंगे लिस्ट, पूरी जानकारी

Uttar Pradesh : बाढ़ के कारण जनहानि, फसलों को नुकसान, पशुओं की हानि तथा घरों आदि को हुए नुकसान की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा है कि जिलाधिकारी क्षति का आकलन कर प्राथमिक रिपोर्ट तत्काल भिजवाएं। उन्होंने प्राथमिक रिपोर्ट 22 अक्टूबर, 2021 तक अवश्य भिजवाने के सख्त निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि बाढ़ के कारण हुए नुकसान का मुआवजा शीघ्र वितरित कराया जाये। यह कार्य 15 नवम्बर, 2021 से पूर्व अवश्य पूरा कर लिया जाये।

मुख्यमंत्री ने मांगी रिपोर्ट

बीते दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने कहा था कि जनहानि, पशुहानि तथा क्षतिग्रस्त मकानों का आकलन करते हुए प्रभावितों को अनुमन्य राहत राशि तत्काल उपलब्ध करायी जाए। सम्बन्धित जिलाधिकारी तेज बारिश से फसल को हुए नुकसान का आकलन करते हुए अपनी रिपोर्ट शासन को शीघ्र उपलब्ध कराएं। ताकि प्रभावित किसानों को मुआवजा राशि उपलब्ध करायी जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार सभी प्रभावित किसानों को पूरी मदद देने के लिए कृतसंकल्पित है।

संक्रामक रोगों की रोकथाम करें

मुख्यमंत्री ने कहा कि बेमौसम बारिश से संक्रामक रोगों के प्रसार की सम्भावना को देखते हुए पूरी सावधानी बरती जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि जल जमाव न होने पाए। उन्होंने संक्रामक रोगों के नियंत्रण के लिए सभी जरूरी उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि लोगों को संक्रामक रोगों से बचाव के बारे में जागरूक किया जाए। रविवार तक करीब दो लाख किसान ऐसे चिन्हित हुए हैं, जिनकी कृषि उपज बाढ़ के चलते खराब हुई है। मुआवजे के एवज में इन किसानों को करीब 68 करोड़ की धनराशि दी जाएगी। हालांकि रविवार और सोमवार को पूरे प्रदेश में कुदरत ने जमकर कहर बरसाया है। ऐसे में प्रभावित किसानों की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी होगी।

पराली ने जलाएं

पराली प्रबन्धन की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि जिन जनपदों में पराली जलाने की घटनाएं प्रकाश में आई हैं, तत्काल जनप्रतिनिधियों एवं किसान संगठनों की मदद से उसे रोका जाये। किसानों को इससे होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक किया जाये। उन्होंने कहा कि पराली जलाने के बजाय गोवंश आश्रय स्थलों पर भिजवाने की व्यवस्था की जाये तथा पराली जलाये जाने को सख्ती से रोका जाये। इस कार्य में शिथिलता पाये जाने पर उत्तरदायित्व का निर्धारण किया जायेगा।

25 लाख डोज रोज लगाई जाए

कोरोना वैक्सीनेशन की अद्यतन प्रगति की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें प्रदेश में अच्छा काम हुआ है। जनपदों में क्लस्टर मॉडल कामयाब हुआ है। उन्होंने कहा कि कोरोना कम हुआ है लेकिन खत्म नहीं। सिर्फ वैक्सीनेशन ही हमें सुरक्षित करता है। इसलिए वैक्सीनेशन में किसी भी प्रकार की शिथिलता न बरती जाये। प्रदेश में प्रतिदिन 22-25 लाख डोज लगाने के अनुसार रणनीति बनाई जाये। उन्होंने कहा कि वैक्सीन की कोई कमी नहीं है तथा किसी भी सेन्टर पर 5-6 दिन का स्टॉक हमेशा उपलब्ध रहे, जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्साधिकारी इसकी दैनिक समीक्षा करें।

रात 10 बजे तक हो टीकाकरण

जिलाधिकारी पीएचसी स्तर पर वैक्सीनेशन की प्रगति की समीक्षा करें तथा जिन क्लस्टर्स में कम वैक्सीनेशन हुआ है, वहां पर जनप्रतिनिधियों एवं ग्राम प्रधानों का सहयोग लेकर शत-प्रतिशत आच्छादन सुनिश्चित कराया जाये। उन्होंने कहा कि 18-60 लक्षित उम्र वर्ग के करीब 14.75 करोड़ में से करीब 9.50 करोड़ को पहली डोज लग चुकी है। उन्होंने वैक्सीनेशन की गति बढ़ाये जाने पर जोर देते हुए कहा कि जनपदों में एक या एक से अधिक ऐसे सेन्टर बनाये जाएं जहां पर सुबह 9:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक टीकाकरण हो सके। इससे कामकाजी लोगों को सहूलियत मिलेगी। ऑक्सीजन प्लान्ट की स्थापना की प्रगति में बताया गया कि 548 में से 504 प्लान्ट स्थापित एवं क्रियाशील हैं। बाकी प्लान्ट भी शीघ्र स्थापित व क्रियाशील कराने के निर्देश दिये गये।

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