Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Government) Anti-CAA प्रदर्शन (नागरिकता संशोधन कानून 2019) के दौरान जारी की गई रिकवरी नोटिस और जमा किए गए रकम को वापस करेगी। प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में यह हलफनामा दिया है। यह धनराशि करोड़ों में है।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि इस तरह की कोई नोटिस जारी नहीं की जा सकती। साथ ही कोर्ट ने निर्देश दिया था कि रिकवर की गई रकम को वापस किया जाए। इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने रिकवरी नोटिस को वापस लेने का निर्णय लिया है।
सरकार ने दाखिल किया जवाब
इस संबंध में राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया है। इसमें कहा गया है कि सीएए कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले लोगों के खिलाफ रिकवरी नोटिस और रिकवरी के लिए शुरू की गई कार्रवाई को वापस ले लिया गया है।
2019 में हुआ प्रदर्शन
बताते चलें कि भारत सरकार के नए सीएए कानून के खिलाफ पूरे देश में साल 2019 में महीनों तक प्रदर्शन हुआ था। इस दौरान उत्तर प्रदेश में भी तमाम संगठनों, विपक्षी दलों और व्यक्तियों ने विरोध जताया था। इसमें सरकारी संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा था।
चौराहों पर लगाए गए
इस पर एक्शन लेते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी शामिल लोगों के खिलाफ सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के खिलाफ रिकवरी लेने का आदेश दिया था। उन सभी के फोटोग्राफ नाम, पाते सहित लखनऊ के चौराहों पर लगाए गए थे। विपक्षी दलों ने इस पर जमकर निशाना साधा था।