New Delhi : राजधानी दिल्ली के मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास एक इमारत में लगी भीषण आग (Mundka Fire) से 27 लोगों की मौत हो चुकी है। कई लोग गायब हैं। आग इतनी भयावह थी कि 30 फायर टेंडर और 125 कर्मियों को आग बुझाने तथा रेस्क्यू ऑपरेशन में लगाया गया था। इसके अलावा एनडीआरएफ की टीम राहत-बचाव अभियान में जुटी है। पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi), यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) समेत सभी बड़ी हस्तियों ने इस घटना पर दुख जताया है।
दिल्ली सिविल डिफेंस के सुनील कुमार ने बताया कि दुर्घटना में अभी तक 27 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। हमने कुल 30 फायर टेंडर को भेजा और काम में 125 लोगों को लगाया। हमें रात को 27 शव मिले। कुछ शवों के हिस्से सुबह मिले हैं, जिससे लगता है कि ये 2-3 शव और होंगे। कुल मृतकों की संख्या 29-30 हो सकती है। गायब लोगों की संख्या 29 है। 15 लोग जिन्हें थोड़ी बहुत चोट लगी थी, उनको घर भेजा जा चुका है। अभी काफी देर से किसी और गायब व्यक्ति की सूचना नहीं मिली है।
फायर एनओसी नहीं था
दिल्ली फायर सर्विसेज के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि इस इमारत का फायर एनओसी नहीं था। इसमें आग बुझाने का कोई उपकरण भी नहीं था। इमारत में प्लास्टिक का सामान और सीसीटीवी आदि था। इसलिए आग एक मंजिल से दूसरी पर फैली। हमारा रेस्क्यू ऑपरेशन अब पूरा हो चुका है, अब इसमें और शव मिलने की संभावना नहीं है।
हेल्प डेस्क बनाया
दिल्ली सिविल डिफेंस के एक अधिकारी एसपी तोमर ने कहा कि, हम लोगों ने हेल्प डेस्क की शुरूआत की है। ताकि जिन लोगों के परिजन गायब हैं या फिर घायल हैं, उनको सही जानकारी मिल सके और वे परेशान ना हों।
संपर्क किया जा रहा
एडीएम, पश्चिम दिल्ली धर्मेंद्र कुमार ने आज सुबह जानकारी देते हुए बताया कि यहां 70-80 लोग काम करते थे। रेस्क्यू भी किया गया है। ज़िम्मेदारी जांच के बाद तय होगी। इस बारे में हम कयास नहीं लगा सकते। अभी हमारी प्राथमिकता है कि रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा किया जाए। जिन लोगों को हल्की चोटें आई थी, उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद छोड़ दिया गया। जो 27 मृतक थे, उन्हें संजय गांधी अस्पताल ले जाया गया। उनके परिजनों से हम संपर्क कर रहे हैं, क्योंकि डीएनए के सैंपल्स के अलावा पहचान का कोई रास्ता नहीं है।
मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया हादसे वाली जगह पर पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि एक हेल्प डेस्क लगाया गया है। परिजनों से संपर्क किया जा रहा है। दिल्ली सरकार की तरफ से मैंने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। जिन लोगों की मौत हुई है, उनके परिवार को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। घायलों को 50-50 हज़ार का मुआवजा दिया जाएगा। जांच के नतीजे आएंगे, तभी पता चलेगा कि इस घटना के लिए कौन ज़िम्मेदार है। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा, जांच के नतीजे आने दीजिए।
25 शवों की पहचान नहीं हुई
बाहरी जिला, दिल्ली के डीसीपी समीर शर्मा ने बताया कि अभी NDRF की टीम जगह की सफाई कर रही है और देख रही है कि वहां कोई है तो नहीं। अभी तक हमें 27 शव मिले हैं। जिसमें 25 की पहचान नहीं हुई है। अभी आगे फॉरेंसिक DNA के साथ चेक करेगी। गायब हुए लोगों की जानकारी एकत्र की जा रही है।
रात साढ़े 11 बजे पहुंची टीम
NDRF के असिस्टेंट कमांडेंट विकाश सैनी ने बताया कि टीम रात 11:30 बजे के आसपास घटनास्थल पर पहुंच गई थी। पहले यहां सर्च अभियान में काफी समस्या हो रही थी। आग पर काबू पा लिया गया था, परन्तु दीवारों और छत से जो पानी टपक रहा था वो काफी गर्म था। अब सर्च करने में कोई समस्या नहीं आ रही।