बड़ी खबर : यूपी के कई समुदाय ओबीसी कैटेगरी में शामिल होंगे, सरकारी ठेकों में मिलेगा 27 फीसदी आरक्षण, पूरी जानकारी

-अन्य पिछड़े वर्गों के लिए वर्तमान में लागू क्रीमीलेयर की सीमा बढ़ाये जाने के सम्बंध में चर्चा
-प्रदेश के कमजोर एवं पीड़ित समुदायों को न्याय प्रदान करने के लिए निरन्तर सुनवाई हो रही है

Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग (OBC) के अध्यक्ष जसवंत सैनी की अध्यक्षता में सोमवार, 25 अक्टूबर को लखनऊ के इन्दिरा भवन स्थित आयोग के कार्यालय में पिछड़ा वर्ग आयोग की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में उप्र के अन्य पिछड़े वर्गों के लिए वर्तमान में लागू क्रीमीलेयर की सीमा बढ़ाये जाने के सम्बंध में विचार-विमर्श हुआ। इस विषय पर जानकारी, अध्ययन कर आगामी बैठक में विचार रखे जाने का निर्णय लिया गया। आयोग ने सर्वसम्मति से यूपी के सरकारी ठेकों में अन्य पिछड़े वर्गों को 27 प्रतिशत का आरक्षण प्रदान करते हुए प्रतिनिधित्व प्रदान किये जाने पर विचार-विमर्श किया।

इन जातियों को शामिल करने पर विचार

बैठक में विभिन्न जातियों के साथ उपनाम, उपजाति जोड़े जाने सम्बंधी मामलों पर चर्चा की गयी। पिछड़े वर्ग की अनुमन्य जातियों की सूची में मूल जाति के साथ उनके उपजाति, उपनाम अथवा टाइटिल जोड़े जाने का कोई औचित्य नहीं है। यह भी निर्णय लिया गया कि इस सम्बंध में प्राप्त सभी प्रत्यावेदनों को निरस्त किया जाता है। इस प्रकार के प्राप्त होने वाले प्रत्यावेदनों पर विचार नहीं किया जायेगा। जोशी भड्डरी, भंडरी, डकोत, पड़िया ज्योतिषी जाति को अन्य पिछड़े वर्ग की सूची में सम्मिलित करने के सम्बंध में विचार-विमर्श करते हुए प्रारम्भिक सुनवाई किये जाने का निर्णय लिया गया।

समिति जांच करेगी

बैठक के दौरान आयोग के अध्यक्ष ने बताया, आयोग को 23 अक्टूबर को घनश्याम विश्वकर्मा शास्त्री नगर जनपद-फतेहपुर का प्रार्थना पत्र मिला है। इसमें पाक्सो एक्ट में थाना ललौली में दर्ज मुकदमा में अभियुक्त की गिरफ्तारी न होने तथा पीड़ित के पिता के ऊपर दर्ज फर्जी एफआईआर को निरस्त करने का अनुरोध किया गया है। इस मामले को संज्ञान में लेकर आयोग ने पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है। यह समिति मौका मुवायना कर रिपोर्ट आयोग के समक्ष प्रस्तुत करेगी।

विश्वास बढ़ा है

अध्यक्ष ने कहा कि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग प्रदेश के कमजोर एवं पीड़ित समुदाय को न्याय प्रदान करने के लिए निरन्तर सुनवाई कर रहा है। इससे पिछड़े वर्गों के लोगों की विभिन्न प्रकार की समस्याओं से सम्बंधित शिकायती वादों का त्वरित निस्तारण हो पा रहा है। इसकी वजह से राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग पर पिछड़े वर्ग का विश्वास बढ़ा है। बैठक में राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष हीरा ठाकुर, प्रभुनाथ चौहान, आयोग के सदस्य, आयोग की सचिव अर्चना गहरवार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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