एमिटी में चर्चा : चीन के उत्थान से प्रभावित हुआ विश्व, नेपोलियन ने कही थी ये बड़ी बात

Noida News : एमिटी विश्वविद्यालय (Amity University) में छात्रों, शोधार्थियों को भू रणनीतिक महत्व, भू राजनीतिक महत्व के सभी पहलुओं की जानकारी प्रदान करने के लिए एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ डिफेंस एंड स्ट्रैटजिक स्टडीज ने ‘‘चीन का पुनरुत्थान – दक्षिण पूर्व एशिया और इंडो पैसफिक क्षेत्र के लिए भू सामरिक और सुरक्षा चुनौतियां’’ विषय पर ऑनलाइन परिचर्चा सत्र का आयोजन किया।

इस परिचर्चा सत्र का शुभांरभ देहरादून के इंडियन मिलिट्री अकादमी (आईएमए) के पूर्व कमांडेंट लेफ्ट जनरल (डॉ) जेएस नेगी, एमिटी सांइस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डॉ डब्लू सेल्वामूर्ती और एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ डिफेंस एंड स्ट्रैटजिक स्टडीज के महानिदेशक लेफ्ट जनरल (डॉ) एस के गिडिऑक ने किया। इस परिचर्चा सत्र में एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ डिफेंस एंड स्ट्रैटजिक स्टडीज के 10 पीएचडी स्कॉलरों ने अपने विचार रखे !

सब प्रभावित हुए हैं
लेफ्ट जनरल (डॉ) जेएस नेगी ने संबोधित करते हुए कहा कि, हम चीन के उत्थान और कार्रवाइयों से प्रभावित हैं। उसके कार्यों का पाकिस्तान के साथ अन्य देशों के साथ हमारे सबंधो पर भी प्रभाव पड़ रहा है। नेपोलियन ने कहा था कि चीन एक सेाता हुआ बच्चा है। इसलिए उसे सोने दो। जब वह जागेगा तो दुनिया हिला देगा। मुझे लगता है, यह समय के साथ सच हो रहा है। ऐसे कई शब्द हैं, जो चीन के उदय, पुनरुत्थान, मुखरता, जबरदस्ती और इन सभी कारकों के संयोजन की वर्तमान स्थिति के साथ गढ़े गए है।

ताकत बढ़ाई है
उन्होंने आगे कहा, चीन जीडीपी के मामले में दूसरा सबसे बड़ा देश है। इसे एक बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मिला है। कोविड की स्थिति के बावजूद आयात और निर्यात दोनों मामले में चीन के व्यापार ने प्रगति की है। यूरोपीय संघ, अफ्रीका, मध्य पूर्व, दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया और हिंद प्रशांत क्षेत्र चीन के प्रभाव में रहे हैं। चीन ने अमेरिकी शक्ति को संतुलित करने के लिए यूरोपीय संघ, रूस और महत्वपूर्ण दक्षिण एशियाई देशों के साथ रणनीतिक साझेदारी भी की है।

चुनौतियों को बताना है
डॉ डब्लू सेल्वामूर्ती ने कहा कि चीन कई स्तरों अपने प्रभाव को बढ़ा रहा है और उसका व्यवहार, भू रणनिती, सैन्य शक्ति आदि वैश्विक चिंता का कारण बना है। भारत एक मात्र ऐसा देश है जो एशिया में संतुलन स्थापित कर सकता है। इस परिचर्चा सत्र का उददेश्य केवल चुनौतियों को बताना ही नहीं, बल्कि उसके समाधानों पर चर्चा करना है। आज भारत विश्व में अर्थव्यवस्था, सैन्य शक्ति और ज्ञान की महाशक्ति बन कर उभर रहा है। नये भारत को विदेश नीति और संबध को सृदृढ़ करना होगा।

ज्ञान बढ़ाना है
एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ डिफेंस एंड स्ट्रैटजिक स्टडीज के महानिदेशक लेफ्ट जनरल (डॉ) एसके गिडिऑक ने स्वागत करते हुए कहा, चीन ने पिछले कुछ दशकों में जबरदस्त आर्थिक विकास हासिल किया है। एशिया में अपनी रणनीतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए पड़ोस में अपनी राजनीतिक और राजनयिक उपस्थिति के माध्यम से इसका लाभ उठा रहा है। इस परिचर्चा का उददेश्य भारत एशिया पैसफिक क्षेत्र में भू रणनितिक चुनौतियों, चीन की भूमिका, क्वाड और अन्य समितीयों में भारत की भूमिका आदि सहित कई विषयों शोधार्थियों और छात्रों के ज्ञान को बढा़ना है।

अन्य एक्सपर्ट में एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ डिफेंस एंड स्ट्रैटजिक स्टडीज के पीएचडी स्कॉलर कर्नल संजय ठाकुर, पीएचडी स्कॉलर मेजर जनरल रजत के माथुर, पीएचडी स्कॉलर कर्नल शेखर अरोरा ने सभी को संबोधित किया। इस अवसर पर एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ डिफेंस एंड स्ट्रैटजिक स्टडीज के निदेशक बिग्रेडियर आनद कुमार तिवारी और कर्नल राजन बक्शी उपस्थित थे।

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