Uttar Pradesh News : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते दिनों एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा के सारे बंदोबस्त किए गए हैं और उन्हें पूरी तरह से जमीन पर उतारा गया है। इसके चलते प्रदेश में नारी शक्ति स्वयं को सुरक्षित महसूस कर रही हैं और प्रदेश के समग्र विकास में अपना अहम योगदान दे रही हैं। वर्ष 2017 के बाद से महिला श्रम बल की भागीदारी काफी बढ़ी है।
इस मौके पर सीएम ने कहा कि जीरो टॉलरेन्स की नीति के अन्तर्गत प्रदेश सरकार ने वर्ष 2017 से यूपी में रूल आफ लॉ लागू करने के प्रयास प्रारम्भ किए। इसके लिए भर्ती प्रक्रिया को तेजी के साथ आगे बढ़ाया गया। विगत 08 वर्षां में उत्तर प्रदेश पुलिस में 02 लाख 19 हजार कर्मियों की भर्ती प्रक्रिया सम्पन्न की गयी है। इतनी कई राज्यों के पास पुलिस फोर्स भी नहीं है। उत्तर प्रदेश सरकार ने विगत 08 वर्षां में युवाओं के लिए नौकरी की सम्भावनाएं विकसित की है। वर्ष 2017 में प्रदेश में पुलिस भर्ती के बाद ट्रेनिंग कराना एक चुनौती थी। उस समय प्रदेश में कुल 6,000 पुलिस कर्मियों को ट्रेनिंग देने की क्षमता थी। उस समय 30 हजार पुलिस कर्मियों की ट्रेनिंग के लिए मिलिट्री, पैरामिलिट्री और अन्य राज्यों के प्रशिक्षण संस्थान किराए पर लेने पड़े। आज 60,244 पुलिस कर्मी प्रदेश में विकसित प्रशिक्षण केन्द्रों में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। जनपदों में पुलिस कार्मिकों के लिए अवस्थापना सुविधाओं का विकास किया गया है।
कमिश्नरेट सिस्टम लागू किया
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बहुत समय से कमिश्नरेट सिस्टम लागू करने की मांग की जा रही थी। प्रदेश सरकार ने वर्ष 2020 से इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए 07 जनपदों में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू कर दिया। यह पुलिस बल के आधुनिकीकरण का हिस्सा है। सेफ सिटी के लिए उच्च न्यायालय ने वर्ष 2016 में देश के सभी राज्यों को आदेशित किया था, लेकिन इस पर कार्य आगे नहीं बढ़ पाए। आज प्रदेश सरकार ने 17 नगर निगमों तथा ग्रेटर नोएडा व नोएडा को सेफ सिटी के रूप में विकसित करने के लिए इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कन्ट्रोल सेन्टर के साथ जोड़ा है। 13 लाख से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाकर पूरी व्यवस्था को सुरक्षित बना दिया गया है। अब अपराधियों में यह भय है कि अगर अपराध किया, तो उसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।
महिला पीएसी बटालियनों का हुआ गठन
सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में पिछली सरकारों ने पीएसी बल को समाप्त करने की साजिश रची थी। हमारी सरकार ने समाप्त की गयी कम्पनियों का पुनर्गठन किया। विशेष सुरक्षा बल, एसडीआरएफ तथा महिला पीएसी वाहिनी का गठन किया गया। महिला पीएसी बटालियनों का नाम स्वाधीनता के आन्दोलन से जुड़ी हुई वीरांगनाओं के नाम पर रखा गया है। गोरखपुर की बटालियन का नाम वीरांगना झलकारी बाई कोरी, लखनऊ की बटालियन का नाम वीरांगना ऊदा देवी पासी तथा बदायूं की बटालियन का नाम वीरांगना अवन्तीबाई लोधी के नाम पर रखा गया है। बलरामपुर, जालौन, मीरजापुर, शामली तथा बिजनौर जनपदों के लिए 05 नई पीएसी बटालियनों के गठन को स्वीकृति देकर इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया है। प्रदेश के जिन 10 जनपदों में पुलिस लाइन्स नहीं थी, वहां पर इनका गठन करके बुनियादी सुविधाएं तथा पुलिस की ट्रेनिंग के साथ-साथ अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए धनराशि उपलब्ध करवायी गयी है।
महिलाओं की बढ़ी भागीदारी
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि प्रदेश में वर्ष 2017 के पहले असुरक्षा के कारण महिला श्रम बल की भागीदारी 13 प्रतिशत से कम थी, लेकिन आज सुरक्षा का वातावरण होने के कारण 35 फीसदी से अधिक महिलाएं कामकाजी बन चुकी हैं और कार्य करने के लिए घर से बाहर निकल रही हैं। उन्हें अब कोई समस्या नहीं होती है। प्रदेश में डायल 112 के माध्यम से पुलिस, एम्बुलेंस, फायर सर्विस और साइबर हेल्प लाइन को इन्टीग्रेट किया गया है। प्रदेश सरकार प्रत्येक नागरिक को पारदर्शिता और जबावदेही के साथ न्याय सुनिश्चित कराने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। गोरखपुर में क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला की स्थापना सरकार की अपराध के प्रति जीरो टॉलरेन्स नीति के अन्तर्गत अपराधियों की पहचान कर उन्हें न्यायालय में दण्डित कराने के प्रयासों का हिस्सा है।